#kalpnath_rai

रचनाकार

गुस्सा बहुत आता है, मंच से कोई नेता, मैं कल्पनाथ बनूँगा चिल्लाता है

डा. राहुल राय… गुस्सा बहुत आता हैकिसी मंच से जब कोई नेतामै कल्पनाथ बनूँगा चिल्लाता है तुम गए तुम्हारी आदत

Read More
पुण्य स्मरण

जय-जय कल्पनाथ, अमर कल्पनाथ,
कर दो मेरे शहर का नाम कल्पनाथ!

मेरी कलम से…आनन्द कुमार ना जाने क्यों धिक्कारती है,मन बार-बार यह पुकारती है,कहां हो गया मेरे शहर का मसीहा,आवाज़ उसके

Read More