किसी दिल के दिल्लगी से कई गांव जल रहे हैं मेरे पांव के सहारे कई पांव चल रहे हैं
आज़मगढ़ । उत्तर प्रदेश साहित्य सभा आजमगढ़ के तत्वावधान में देर शाम ग़ज़ल संध्या एवं कवि गोष्ठी का आयोजन नगर
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Read More@ राजेश सिंह… अपना रंग दिखाया तूने फिर से, रक्त रंजित किया पहलगाम को, मानवता को कलंकित करके, दूषित कर्म
Read Moreमनोज कुमार सिंह… अरे मियां मरदवां देहाती अबभीन तक रह गइला सुच्चा खांटी भुच्चड देहाती कबले रहबा निपट निरक्षर देहाती,
Read Moreसमाज की समझ, शब्दों पर पकड़, लिखने की भाषा शैली पर ज्ञान जिस व्यक्तित्व को होगा वे समाज को हर
Read Moreडॉ.निशा नंदिनी भारतीय वाणी में ईश्वर निवास विश्वास सदा रखना भर पिचकारी प्रीत रंग सब पर बरसाना रंगों का त्योहार
Read Moreरोशनी जायसवाल… प्रयागराज का त्रिवेणी संगम, जहां नदियां गाती हैं प्रेम का राग। आध्यात्मिकता की बहे पवित्र लहरें, यह महाकुंभ
Read Moreमहेश कुमार प्रजापति… तुझे बस पढ़ना होगा हर मुश्किल में भी आगे बढ़ना होगा राहों में बहुत आएंगे रुकावटे तुझे
Read Moreराजेश कुमार सिंह… तीर्थराज हूँ मैं प्रयागराज हूँ , महाकुम्भ हूँ, मैं महाकुम्भ हूँ आस्था और विश्वास हूँ , श्रद्धालुओं
Read Moreघर का बड़ा बेटा… पंकज शुक्ला (आवारा) सारे नियमों से बंधा सारे नियम तोड़ चुका था जब घर संभालने वाला
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