चलो प्रयागराज चलें
आओ चलें प्रयागराज,
चलो कर लें संगम स्नान।
गंगा,यमुना सरस्वती का ध्यान कर,
कर लें अपने जीवन का उद्धार।
लेटे हनुमान जी को प्रणाम कर,
कर लें हम शांति का ध्यान।
आओ चलें प्रयागराज।।
महाकुम्भ है पर्व महान,
जिसमें हम करते हैं अमृत स्नान ।
जिसके लिए रहता हरदिल में अरमान,
इस पवित्र स्थान पर मिलता धार्मिक ज्ञान।
सभी सात्विक सजोयें हैं जाने का अरमान,
अधिक जुटान सुन, कुछ हैं परेशान।
लेकिन इसका खुद कर सकते हैं निदान ,
कर लेंगे जब नियमों का ध्यान ।
आओ चलें प्रयागराज।।
चलो कर लें संगम स्नान ।
है स्नान की महिमा अपरम्पार,
भारत है आस्थाओं में महान ।
है तो यही बात यहाँ,
सब मे होता समर्पण का भाव यहाँ।
त्याग-तपस्या सनातनी मूल्य है ,
लोग रहते इससे परिपूर्ण हैं ।
स्वयं वेदना सह कर भी ,
करते औरों को सानंद सम्मान।
हमने भी है मन मे ठाना,
प्रयागराज जाकर डुबकी लगाना है ।
अपनो को प्रेरित कर जाना है ।
सनातनी परम्परा को निभाना है,
सुखद स्मृतियां लाना है।
आओ चलें प्रयागराज।।
चलो कर ले संगम स्नान ।
कुछ दिनों से थी मन मे आश,
अपने विचारों को दें महाकुम्भ पर खास।
जब हम हो जाएँगे तैयार ,
स्व पूर्ण हो जाएगी आश ।
कोई कार्य नहीं दुष्कर होता ,
कर्म पथ पर जब पथिक अग्रसर होता।
पा जाता है पथिक मंजिल ,
प्रयास जब निरन्तर होता ।
आओ चलो चलें प्रयागराज,
चलो कर लें संगम स्नान।
राजेश कुमार सिंह
मऊ ,उत्तर प्रदेश ।
9415367362