बागडोर भाजपा का, मऊ में सँभालेगा कौन ?
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
बागडोर भाजपा का, मऊ में सँभालेगा कौन,
रण में तो हैं बहुत से लोग, नाम ना जाने कोय।
पिछड़ा, सवर्ण, दलित में गुत्थी, गुत्थम गुत्था है,
नर है की नारी यह बात न जान पाए कोय।
जो वर्षों से दौड़ में थे, वह अब भी हैं दौड़ में,
जो ज़िलाध्यक्ष हैं रह चुके, लगे हैं होकर मौन।
मऊ, लखनऊ, गोरखपुर व बलिया के दरबार में,
नतमस्तक हैं हो चुके, पर परिणाम ना जाने कोय।
आश्वासन के बाज़ार में, बिन घोषणा पद बँटने लगा,
जो नहीं हैं दौड़ में, वह चुपचाप हैं न बोले किसी से कोय।
धीरज थाम कर बैठिए, न घबड़ाए आप,
जब घोषणा हो जाएगा तो करिएगा गुणा भाग…