भारतीय बीज विज्ञान संस्थान के किसान मेला में उमड़े लोग
मऊ, 18 अक्टूबर 2024। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, कुशमौर, मऊ में एक भव्य किसान मेले का आयोजन हुआ । इस वर्ष मेले का विषय ‘गुणवत्ता बीज: विकसित भारत का आधार’ था, जिसका उद्देश्य किसानों को गुणवत्तायुक्त बीजों के महत्व और कृषि उत्पादन में उनके योगदान के प्रति जागरूक करना था ।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री, अरविंद कुमार शर्मा, मुख्य अतिथि के रूप में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से सम्मिलित रहे । उन्होंने किसानों को सम्बोधित किया। उन्होंने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान अपनी पारम्परिक सोच में परिवर्तन कर तथा नई तकनीकों व गुणवत्तायुक्त बीजों के प्रयोग से किस तरह कृषि उत्पादकता में वृद्धि कर सकते हैं । साथ ही उन्होंने जल संरक्षण तथा क्षेत्र विशेष की आवश्यकता के अनुरूप कृषि करने पर बल दिया ।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के उप महानिदेशक (कृषि प्रसार) डॉ. उधम सिंह गौतम ने किसानों को बताया कि जलवायु परिवर्तन, जनसंख्या वृद्धि तथा कृषि जोत में कमी जैसी चुनौतियों को दृष्टिगत रखते हुवे गुणवत्तायुक्त बीज के प्रयोग, कृषि के आधुनिक तकनीकों तथा कृषि अनुसंधान के माध्यम से कृषि उत्पादकता में वृद्धिप्राप्त की जा सकती है । साथ ही उन्होंने महिलाओं तथा युवाओं की कृषि क्षेत्र में प्रतिभागिता बढ़ाने पर बल दिया और उन्हें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त कर मूल्य संवर्धन तथा कृषि से सम्बन्धित अन्य उद्यमों से जुड़ने का आग्रह किया ।
संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने अपने वक्तव्य में बताया कि किसान गुणवत्तायुक्त बीजों का उपयोग करके भारत को विकसित देश बनाने में सहयोग दे सकते हैं । उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, मऊ किसानों की कृषि से जुड़ी समस्याओं का निदान करने के लिए सदैव तत्पर है ।
इस अवसर पर अन्य विशिष्ट अतिथियों में मऊ जनपद के जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय, अशोक कुमार सिंह ने भी किसानों को सम्बोधित करते हुवे कहा कि सरकार किसानों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है । उन्होंने किसानों से किसान जागरूकता अभियान से जुड़कर सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को अपनाने की अपील की ।
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के विभागाध्यक्ष, डॉ. ए. एन. सिंह ने किसानों को बताया कि सब्जियों के उन्नत कृषि के लिए कम प्रचलित सब्जियों की उन्नत किस्मों की खेती की जा सकती है । साथ ही उन्होंने मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर बल दिया । भारतीय दलहनअनुसंधान संस्थान, कानपुर के विभागाध्यक्ष, डॉ. पी. के. कटियार ने किसानों को पल्स सीड हब के अंतर्गत दलहनी फसलों के उत्पादन पर अपना व्याख्यान दिया । राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो, मऊ के निदेशक डॉ. ए. के. श्रीवास्तव ने किसानों से आग्रह किया कि वे रासायनिक कीटनाशक एवं उर्वरकों के विकल्प के रूप में प्राकृतिक कृषि को प्रयोग में लाएं । उन्होंने प्राकृतिक कृषि के लिए गुणवत्तायुक्त बीज के साथ राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो द्वारा बनाये गए बायो फॉर्मूलेशन को उपयोग में लाने का आग्रह किया ।
इस मेले में कृषि विज्ञान केंद्र, भदोही और कृषि विज्ञान केंद्र, मऊ के वैज्ञानिकों समेत कई विशेषज्ञों ने किसानों को पशुपालन और जैविक खेती को अपनाने की सलाह दी । मेले में विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों ने चालीस से अधिक स्टाल लगाए, जिनमें किसानों को नवीनतम कृषि तकनीक, बीज उत्पादन विधियों और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई ।
इस भव्य आयोजन में उत्तर प्रदेश, बिहार तथा आस पास के अन्य प्रान्तों से आठ हजार से अधिक किसानों ने भाग लिया और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के उपयोगी सुझाव प्राप्त किए । मेले में विभिन्न कृषि उपकरणों का प्रदर्शन किया गया, जिनमें ड्रोन, ट्रैक्टर और अन्य आधुनिक उपकरण विशेष आकर्षण का केंद्र बने रहे । साथ ही, प्रगतिशील किसानों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया तथा किसानों को अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत कृषि उपयोगी सामग्री का वितरण किया गया ।
कार्यक्रम के अंत में मेले के संयोजक डॉ. अंजनी कुमार सिंह ने सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों का धन्यवाद किया और कहा कि इस तरह के आयोजन भविष्य में भी किसानों के सशक्तिकरण और कृषि में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए होते रहेंगे ।