रचनाकार

रचना : बुलंद हौंसल

( डॉ अलका अरोडा )

पगपग लड़कर हिम्मत से जो करता मुकाबला
मुश्किल भी राह बदलती गर हौसला दिखाता
किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये कभी आप
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता जनाब

कैसी कठिन डगर हो कैसा भी हो रास्ता
सफर मुश्किल भरा नित नये रंग दिखाता
प्रतिज्ञा मन में ठान जुटाकर सारी हिम्मत
संघर्षों से हो जाते पार गहरे नदी समन्दर

कभी जो प्रण राह में डगमगाने लग जाए
अद्भुत इच्छाशक्ति से राह सुगम हो पाए हार शब्द को दे तिलांजली जीत को अपनाये
दृढ़ संकल्प से हर यात्रा अनवरत चलती जाये

मानव मन की अनुभूति हौसलो की उडान है
सघर्षो को पार छिटकना सत्य की पहचान है
इसी अद्भुत उडान को नाम जिन्दंगी देती है
अडिग इरादे विश्व धरा को अंक में भर लेती है

हे मानव हे विश्व विजेता तुमको नमन प्रणाम है
गौरव की रफ्तार से धरती अम्बर खुशहाल है
गगन चूमती सतत प्रतीज्ञा अविरल बहाव है
चलना गिरना संभलना ही हौसलों की उड़ान है

रचनाकार डॉ अलका अरोडा, देहरादून में प्रोफेसर हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *