चर्चा में

रच दिया नया इतिहास, ‘बनारस’ स्टेशन का मनाया पहला सालगिरह

बनारस के उद्यमियों, व्यापारियों और सामाजिक संगठनों ने पूरी भव्यता -दिव्यता के साथ मनाया बर्थडे

वाराणसी। 15 जुलाई 2022 की शाम 5 बजे निराला नगर कालोनी महमूरगंज स्थित तेरापंथ भवन में वाराणसी नगर उद्योग व्यापार मण्डल द्वारा ‘बनारस रेलवे स्टेशन’ का एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर केक काटकर पूरे हर्षोल्लास के साथ जन्मदिन के रूप में वर्षगांठ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुमंडल के अध्यक्ष संजीव सिंह बिल्लू ने किया तथा संचालन मंत्री प्रतीक गुप्ता ने किया।
उल्लेखनीय है कि 2015 में मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर “बनारस” किए जाने का सुझाव सोशल मीडिया के माध्यम से सर्वप्रथम वरिष्ठ पत्रकार ए के लारी द्वारा किया गया था। श्री लारी का ये सुझाव सभी को रास आ गया। सोशल मीडिया पर इस मुहिम का दायरा बढ़ता गया। शासन-प्रशासन के अलावा दिल्ली देश के प्रधानमंत्री व वाराणसी के सांसद नरेन्द्र मोदी तक बात पहुंच गई।
बनारस के जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने भी इस मुहिम को हाथोंहाथ लिया। नतीजा हुआ कि बनारस के रहने वाले और तत्कालीन रेलराज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान गाजीपुर में मंडुआडीह स्टेशन का नाम बदलकर ‘बनारस’ करने का ऐलान कर दिया।


इस ऐलान से मुहिम के साथियों का हौसला और बढ़ गया। मुहिम और तेज हो गयी।आभासी दुनिया के लाखों साथी इसके हिस्सेदार बन गये।
फिर वह समय भी आया जब केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल के शुरू में एक दिन नोटिफिकेशन जारी कर दिया कि मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम अब बनारस होगा। फिर तमाम प्रक्रियाओं के बाद अंततः 15 जुलाई 2021वह तारीख इतिहास में दर्ज हो गया। जिस दिन हम बनारसियों को ‘बनारस’ नाम का माइल स्टोन मिल गया।

हम सभी बनारस के साथियों ने इस आयोजन को बनारस स्टेशन परिसर में बहुत ही शानदार तरीके से मनाने की तैयारी शुरू कर दी थी। पूर्वोत्तर रेलवे मंडल रेल प्रबंधक वाराणसी रामाश्रय पांडेय ने सहमति देते हुए स्थान का आवंटन भी कर दिया था। परन्तु विभागीय जटिलताओं के कारण परिसर में वर्षगांठ समारोह नहीं हो पाया। रेलवे का यह फैसला सुनकर मन दुखी तो हुआ पर सभी ने तय किया कि हम हार नहीं मानेंगे। भले ही रेलवे अपने परिसर में सालगिरह न मनाने दे,कोई बात नहीं हम कहीं और मनाएंगे। साथ ही यह बता देंगे बनारसी हार नहीं मानते तो ठान लेते हैं उसे मूर्त रूप देकर ही छोड़ते हैं।
कार्यक्रम का प्रारंभ है राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात वरिष्ठ पत्रकार ए के लारी ने मंडुआडीह से बनारस नामांतरण का सफरनामा सबके साथ साझा किया। श्री लारी का संस्था द्वारा अंगवस्त्रम से सम्मान किया गया। सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं विशिष्ट जनों ने केक काटकर वर्षगांठ मनाया।
स्वागत शोभनाथ मौर्या, मनोज दुबे, राकेश मिढ्ढा, संचालन प्रतीक गुप्ता व धन्यवाद ज्ञापन राजेश त्रिवेदी ने दिया।
मुख्यरूप से के. एन. सिंह, मदन मोहन कपिल, विकास चतुर्वेदी, गुलशन कपूर, मनोज रावत, शरद वर्मा, घनश्याम जायसवाल, विभूति नारायण सिंह, विजयशाह, कन्हैया लाल शर्मा, संजय बनर्जी,उत्कर्ष सिंह,राजू गोंड,कुलदीप गोंड,मनोज गोंड,मनोज सोनकर, दीपक गोंड, राधेश्याम गोंड,विकास,नन्द किशोर अरोड़ा,पंकज पटेल, योगेश वर्मा,सभासद शिवशंकर यादव,सुनील चौरसिया,निर्मल यादव, सिन्धु सोनकर,सत्यार्थ भारती रिंक्कू, मिठाई लाल यादव ,सुमित मौर्या निक्की,रोहित पाठक, राजकुमार खरवार राजू , राजेश यादव, सुधीर जायसवाल, सौरभ सिंह मुन्ना,जयकिशन गुप्ता,चन्द्र प्रकाश,दीपक गुप्ता,महेश्वर सिंह,सौरभ चन्द्र,राजीव रंजन सिंह,कल्लू,अर्जुन बिंद आदि शामिल रहे।

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