साहित्यकार महिमा सिंह के जन्मदिन पर साहित्य संध्या आज
जन्मदिन पर क्या लिखूँ, क्या भेजूं सौगात
खुशियाँ बढ़ती ही रहें, दिल से दिल की बात
शब्दों मे हैं भावना, यही रखो उपहार
मीठी बोली से करे, दर्द का उपचार
जीवन में मिलते यहाँ, मित्र सदा दो चार
पर जिनसे न मन मिले, करो नहीं व्यवहार
दिन दूना बढ़ता रहे, हरा भरा परिवार
इससे बढ़कर है नहीं, कुछ भी इस संसार