शानदार पहल : तोमर मार्केट के किरायेदारों का दो माह का किराया माफ
■ मानवीय संवेदना : भवन स्वामी कैलाश सिंह ने की घोषणा

(आनन्द कुमार)
अमिला/मऊ। है मेरी मुठ्ठी में जो, वह रोशनी लाया हूं, अपने नसीब के प्यार को तुझपे लुटाया हूं, कबूल कर लेना मेरे इस छोटे से भेंट को, दर्द के इस मौसम में, अपनी खुशी बांटने आया हूं। कहते हैं ना कि मानवता भारत में ही रचती और बसती है। भले कुछ मुट्ठी भर लोग मानवता का गला घोटने का कुंठित प्रयास कर देश को शर्मसार करते हैं लेकिन मानवता के पहरेदारों व सरदारों की संख्या कम नहीं है। मानवता के ऐसे पुजारी गांव से लेकर शहरों तक बसते हैं। उन्हें सिर्फ मानवीय वेदना की टीस होती है और वह अपने मानवता के सोच से क्या कर गुजरे बस यही सोचते रहते हैं।
जहां वर्तमान में विश्व सहित समूचा देश कोविड 19 महामारी की चपेट में है और इससे सभी चिंतित है वहीं जनपद के घोसी कोतवाली के चिरैयाडाढ़ निवासी व अमिला के थानीदास मोढ़ स्थित तोमर मार्केट के भवन स्वामी एवं समाजसेवी
कैलाश सिंह ने तोमर मार्केट के सभी दुकानों के किराया अप्रैल और मई माह का माफ करने की घोषणा कर इस विषम परिस्थिति में गौरवमयी कार्य किया है।
अभी कुछ दिन पहले ही बने इस कटरे के किरायेदारों को भवन स्वामी व किसान सभा के जिला कौंसिल के सदस्य कैलाश सिंह ने अप्रैल व मई माह का किराया माफ कर जो राहत पंहुचाने का काम किया है इसकी जितनी प्रशंसा की जाये कम है।
कैलाश सिंह का कहना है कि कोरोना रूपी वैश्विक महामारी के चलते सभी दुकाने लाकॅ डाउन थी। इसी क्रम में मन में कुछ अलग करने की बातें चल रही थी। कुछ दिन पहले बेटे पंकज सिंह तोमर ने www.apnamau.in “अपना-मऊ” पोर्टल पर रतनपुरा के मिश्रा कटरा के मालिक की खबर पढ़ाई, जिससे मैं बहुत प्रभावित हुआ। कैलाश सिंह ने बताया कि उसी क्षण मैंने निर्णय लिया की अपने तोमर मार्केट के सभी दुकानदारों का अप्रैल व मई के दो माह का किराया माफ करूंगा। कैलाश सिंह के इस सोच और प्रयास को बार-बार सलाम व नमन् है उन्होंने किराया माफ कर जो नज़ीर पेश की है वह अपने आप में काबिले तारीफ है। इन्होंने सरकार व प्रशासन से इनके लाॅक डाउन समयावधि के बिजली बिल भी माफ करने की मांग की है।
इस कदम की सभी दुकानदारों सतीश, मुन्ना, रामनयन, सिंटू , राजू, सत्येंद्र, शुभम, अनिल, हरि इत्यादि ने स्वागत करते हुए कहा है कि यह हम किरायेदारों की ख़ुशनसीबी है कि हमें ऐसे मकान मालिक मिले हैं।
सलाम अन्न देवता…
कहने में बिल्कुल गुरेज नहीं है कि कैलाश सिंह भले ही साल 2 साल से तोमर कटरा बनाकर अपने आपको आर्थिक मजबूती और लोगों को रोजगार मुहैया कराने की पहल किए हुए हैं। लेकिन एक सच तो यह भी है कि कैलाश सिंह किसान हैं और एक किसान न सिर्फ अपने देश के लोगों के लिए अन्न पैदा कर कर पेट भरता है बल्कि उनके लिए एक-एक दाना का प्रबंध कितनी मेहनत करता है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। पहले किसान और अब किसान और व्यवसायी दोनों ही। ऐसे में कैलाश सिंह ने मानवीय दृष्टि रखते हुए जो कदम उठाया है उतना एक धनाढ्य व्यवसाई कतई नहीं कर सकता है। कैलाश सिंह को बार-बार सलाम।




