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भू-तल में जल संचयन हेतु वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगायेगी पालिका

० ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलस्तर 30 फिट तक नीचे खिसका-अरशद जमाल

मऊनाथ भंजन। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष अरशद जमाल ने अपने एक वक्तब्य में कहा है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते एक तरफ जलस्तर तेजी से नीचे खिसक रहा है तो दूसरी ओर विश्व में गर्मी भी लगातार बढ़ रही है।

उन्होंने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग में भयंकर बदलाव के कारण जलवायु में परिवर्तन हो रहा है एवं दिन प्रति दिन तापमान बढ़ता जा रहा है जिसके कारण जलवायु परिवर्तन होने से भू-भाग में जल स्तर नीचे की ओर खिसकने के साथ पानी की संचित मात्रा भी घटती जा रही है। उन्होंने कारण बताते हुये कहा कि बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई, वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण प्रदूषण में वृद्धि, फैक्ट्रियों से निकलने वाले विषाक्त पदार्थ और बढ़ती जनसंख्या आदि मुख्य कारणों में शामिल हैं, जो चिंता का विषय है।

उन्होंने बताया कि इन्हीं सब कारणों से मऊ में भी भू-जल स्तर पिछले 20 वर्षों में लगभग 30 फिट नीचे की ओर चला गया है। उन्होंने बताया कि मऊ में जलस्तर कम होने एवं नीचे खिसकने का कारण यह है कि सभी तालाब और पोखरे समाप्त हो रहे हैं, अधिकतर नालियां पक्की बन चुकी हैं तथा पक्के रास्तों के निर्मित हो जाने के कारण भूमि में पानी के प्रेश का क्षेत्रफल सिकुड़ता जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इन्हीं बिन्दुओं को दृष्टिगत रखते हुये नगर पालिका ने मऊ में 300 स्थानों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की योजना तैयार की है। इसके लिये दो बार में 23 टेंडर हो चुके हैं, जिनपर कार्य आरम्भ भी हो गये हैं। जलकल जेई के हवाले से बताते हुये पालिकाध्यक्ष ने कहा कि लगभग 50 प्रतिषत कार्य पूर्णं हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त जैसे जैसे जगह उपलब्ध होती जायेगी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किये जाते रहेंग।

अध्यक्ष ने बताया कि इस सिस्टम के तहत बारिश का जो पानी छतों से हो कर नीचे आता है या खुले स्थानों पर जो बारिश का पानी आता है उसके लिये खाली भूमि में प्रवेश द्वार बनाये जाते हैं। भूमि के अन्दर पानी जाने के लिये वैज्ञानिक प्रक्रिया और इंजीनियरिंग का सहयोग लेकर जो डिजाइन बनाई जाती है उसी के अनुरूप निर्माण कार्य किया जाता है। इसके लिये पीवीसी पाइप, जाली और 4 टैंक का निर्माण होता है। 80 फिट बोरिंग की जाती है, बोरिंग के बाद कंप्रेशर चलकर कैविटी बनाई जाती है। टैंक में बजड़ी का प्रयोग किया जाता है ताकि पानी के अन्दर मिश्रित गन्दगी एवं कचरा भूमि में न समाये।

उन्होंने बताया कि एक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने में लगभग 4 लाख से अधिक रूपये तक का खर्च आता है। नगर पालिका ने 13 स्थानों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बना दिया है जो चालू हालत में हैं और सफल हैं। इनके अतिरिक्त 10 और स्थानों की टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी है। इन पर भी शीघ्र कार्य आरम्भ हो जायेगा।

इस योजना के अन्तर्गत विद्यालयों, निजि संस्थानों, धार्मिक स्थलों, सरकारी भवनों, स्वस्थ केंद्रों आदि में भी नगर पालिका द्वारा उचित स्थान मिलने पर अपने खर्चे से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जायेगा। जो विभाग या व्यक्ति अपने संस्थान में जगह देना चाहते हों वो नगरपालिका में आवेदन भेजवा दे।

पालिका अध्यक्ष ने बताया के इसी कड़ी में माननीय नगरविकास एवं ऊर्जा मंत्री जी के निर्देश पर तालाबों की खोदाई और सुंदरीकरण के साथ अतिक्रमण मुक्त भी किया किया जा रहा। तमसा को बेहतर बनाने के लिए रिवर फ्रंट बनाए जा रहे है और पुराने घाटों का सुंदरीकरण किया जा रहा है।

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