राजसूत्र पीठ की बैठक में समाज के वंचितों की मदद की बात
मऊ। राजसूत्र पीठ की मऊ इकाई द्वारा एक बैठक का आयोजन भीटी स्थित पूर्वांचल अस्थि रोग क्लिनिक परिसर में आयोजित की गई, बैठक में क्षत्रिय समाज के बच्चो के उच्च शिक्षा ,संस्कार में समाज द्वारा सामूहिक सहयोग के साथ साथ समाज के कमजोर और पीड़ित लोगो के सहयोग के लिए संकल्प लिया गया। ज्ञात हो कि पीठ द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चो के शिक्षा के लिए विगत दो वर्षो से सहयोग किया जा रहा है । साथ ही रोजगार के लिए भी संगठन सक्रिय है और योग्य बच्चो को नौकरी में भी सहयोग करता है।
पीठ का मुख्यालय वाराणसी में है, जिसके मऊ इकाई की स्थापना विगत 2023 में की गई थी। वर्तमान में मऊ जनपद में संयोजक का दायित्व मऊ के ही प्रसिद्ध अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गंगा सागर सिंह निभा रहे है।
इस पीठ द्वारा शिक्षा के अलावा समाज के लोगो को विधिक सलाह सहयोग, स्वास्थ्य संबंध में सहयोग , प्रतियोगी परीक्षाओं में अपने समाज के प्रतिभागी छात्रों के रहने और खाने-पीने का भी निशुल्क प्रयास भी एक उदाहरण के रूप में है जो की निरंतर किया जा रहा है। पीठ के मऊ के विधिक सलाहकार एडवोकेट अमरेश सिंह ने बताया कि यह संगठन समाज के ऐसे लोग जो आर्थिक और जानकारी के अभाव में अपने केस मुकदमों को नहीं देख सकते उनके लिए विधिक विभाग सदा तत्पर रहता है और पूरी मदद की जाती है और भविष्य में भी मेरे द्वारा की जाती रहेगी ।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जनपद इकाई का विस्तार तहसील और विकास खंड स्तर तक करके अपने समाज के ऊर्जावान, योग्य तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में भी काउंसलर के माध्यम से उन्हें समय-समय पर मोटिवेट करके ज्यादा से ज्यादा लोगो को शिक्षा और संस्कार के साथ अन्य सेवाओं का भी लाभ दिया जा सके।
बैठक में मुख्य रूप नेत्र चिकित्सा डॉक्टर एनके सिंह ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि क्षत्रिय समाज को जागृत करने के लिए बहु संख्य क्षत्रियों को जोड़ने का अभियान चलाना चाहिए जिस संख्या बल बढे प्रत्येक माह में एक बात समीक्षा बैठक आवश्यक है । रिटायर्ड शिक्षक श्री राम प्रताप सिंह ने कहा कि आज के निपुण तथा योग्य,परिश्रमी, प्रतिभावान और मेहनती बच्चों के परिजनों से संपर्क करके उन्हें उनके बच्चों को मौजूदा प्रगतिशील प्रवेश तथा टेक्नोलॉजी के साथ-साथ उन्हें रोजगार परक शिक्षा पर फोकस करने से हमारे अपने समाज के बच्चों में योग्यता के साथ-साथ निपुणता भी बढ़ेगी तथा भविष्य में वह भी शिक्षा, रोजगार के साथ-साथ सरकारी नौकरी और प्राइवेट नौकरी में उच्च पद पर पहुंच सके तथा हम लोगों का यह प्रयास उनके रग रग में बस जाए जिससे कि वह भी आने वाले भविष्य में वे भी अपने समाज के बच्चों को यथासंभव योगदान दे सके, सचिंद्र सिंह ने बताया कि इस इंटरनेट युग से समाज के बच्चे हाथ में परिजनों से मोबाइल तो ले लिए हैं लेकिन उसका वास्तविक लाभ नहीं उठा पा रहे हैं वास्तव में मोबाइल होना कोई बुरा नहीं है लेकिन अगर उसका सही इस्तेमाल उनके परिजन देखरेख के साथ करा सके तभी वे इंटरनेट से तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ शिक्षा परक,सामूहिक वाद विवाद और प्राप्त ज्ञान द्वारा उपयोगी सार्थक शिक्षा उन्हें एक सही रास्ता दिखा पाएगी इसके लिए हमें उनके परिजनों से संपर्क करके उन्हें भी जागरूक करना होगा, राजेश सिंह ने भी बताया कि आज की इस भौतिकवादी दौड़ में जो भी उच्च वर्धन धनत परिवार के लोग हैं अपने बच्चों को धन के बल से शिक्षा तो दिल देते हैं लेकिन संस्कार नहीं दिला पाते हैं जबकि शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी होना जरूरी है ऐसे में सिर्फ प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठना ही और उसमें पास होकर के नौकरी पा जाना या दिलाने में मदद करना भी कोई सार्थक कदम नहीं हो सकता, कम से कम जिस तरह से एक से जोडे दो , और दो जोड़ कर चार, चार से जोडे तो 8 इस तरह का प्रयास हम लोगों की तरफ से भी होना चाहिए, ऐसा नहीं है कि प्रतिभावान बच्चों की कमी है बस उन्हें खोज कर सही रास्ता दिखाने की जरूरत है,
मीटिंग के अंत में संयोजन द्वारा यह कहा गया कि यह मीटिंग प्रथम है लेकिन आखिरी नहीं है अभी शुरुआत की गई है तो आगे तक ले चला जाए यही हम लोगों का प्रयास रहेगा । “कौन कहता है कि आसमा में सुराख नहीं हो सकता बस एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो” की शायरी के साथ , अगली तिथि राय मशविरा कर निर्धारित करने की बात करते हुए समाप्त की गई। मीटिंग के समापन में राकेश सिंह ने यह जिम्मेदारी ली की आज जितने भी लोग मीटिंग में आए हैं वह अगली मीटिंग में कम से कम पांच लोगों को अपने व्यक्तिगत संबंध का उपयोग करते हुए योग्य व्यक्ति को जोड़े और बैठक में लाकर उन्हें पीठ की योजना, मंशा के साथ साथ उद्वेश्य से अवगत कराते हुए प्रतिभाग कराते हुए जागरूक करें ।।
इस बैठक में उपरोक्त के अलावा बृजेश कुमार सिंह,सुरेंद्र प्रताप सिंह ,संतोष सिंह आदि लोग भी उपस्थित रहे।।।।