रचनाकार

महाकुम्भ हूँ, मैं महाकुम्भ हूँ

राजेश कुमार सिंह…

तीर्थराज हूँ मैं प्रयागराज हूँ ,
महाकुम्भ हूँ, मैं महाकुम्भ हूँ
आस्था और विश्वास हूँ ,
श्रद्धालुओं की आस हूँ ,
सनातनियों का विश्वास हूँ ।
इतिहास लिए पुराना हूँ,
सागर मंथन की सुधा लिए हूँ ,
आस्था व विश्वास बुना हूँ ।
गंगा, यमुना व अदृश्य पौराणिक सरस्वती का संगम हूँ ,
तीर्थराज हूँ मैं प्रयाराज हूँ।
महाकुम्भ हूँ, मैं महाकुम्भ हूँ ।।

अर्द्धकुम्भ ,कुम्भ और महाकुम्भ का आयोजन स्थल हूँ।
पौष पूर्णिमा, मकरसक्रान्ति,मौनी अमावस,
बसंतपंचमी, माघी पूर्णिमा व महाशिवरात्रि का प्रमुख पड़ाव हूँ,
वर्षों से रहता जिसका इन्तिज़ार हूँ।
करुणानिधान का विश्राम स्थल हूँ ,
माँ सीता व लक्ष्मण की याद सजोये हूँ।
प्रभु के वन गमन –
आगमन का साक्षी हूँ।
तीर्थराज हूँ मैं प्रयागराज हूँ ,
महाकुम्भ हूँ, मैं महाकुम्भ हूँ ।।

ऋषी भरद्वाज की तपोभूमि हूँ ,
हर्ष के दान -पुण्य का केंद्र हूँ ,
इतिहास से विश्वास जगा।
स्वाधीनता आंदोलन का भी केंद्र रहा ,
आज़ाद ने यहीँ अमर इतिहास लिखा।
शिक्षा-न्याय का मैं केन्द्र बना ,
ज्ञान पुंज का चतुर्दिक प्रसार किया,
सम्पूर्ण जगत में अपना नाम किया।
तीर्थराज हूँ मैं प्रयागराज हूँ,
महाकुम्भ हूँ, मैं महाकुम्भ हूँ ।।

144 वर्ष बाद आया हूँ,
शाही स्नान का प्रहर लाया हूँ ,
मोक्ष का अवसर लाया हूँ ।
आस्थाओं का सैलाब लाया हूँ ।
व्यवस्थाओं में निखार लाया हूँ ,
श्रद्धालुओं को पुलकित करने आया हूँ ।
कीर्तिमान लिखने आया हूँ ,
तीर्थराज हूँ मैं प्रयागराज हूँ।
महाकुम्भ हूँ, मैं महाकुम्भ हूँ ।।

राजेश कुमार सिंह
मऊ ,उत्तर प्रदेश
9415367382

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