शोक संदेश

ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका डा दादी रतनमोहिनी जी का अव्यक्तलोक गमन

o प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष सहित कई राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों ने जताया शोक

o वर्ष 2006 में आपके नेतृत्व में निकाली गई युवा पदयात्रा ने बनाया था लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड

o अंतिम दर्शन हेतु देश विदेश से हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं मुख्यालय

ब्रह्माकुमारीज़ वैश्विक परिवार की मुखिया व प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की वर्तमान मुख्य प्रशासिका, शतायु परम श्रद्धेया राजयोगिनी डा दादी रतनमोहिनी जी ने मंगलवार भोर अमृतकाल में 1 बजकर 20 मिनट पर अपने भौतिक नश्वर शरीर का त्याग कर प्यारे शिव बाबा, परमात्मा की गोद ली।

आपने सिंध, हैदराबाद में अपने 13 वर्ष की बाल्यावस्था में ही ब्रह्माकुमारीज़ के साकार संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा (दादा लेखराज) के तन में अवतरित निराकार परमात्मा शिव को पहचानकर उनके श्रीमत प्रमाण स्व और विश्व परिवर्तन के महानतम भागीरथ कार्य में अपना सर्वस्व अर्पण कर, इस ईश्वरीय परिवार की दिव्य पालना करने के निमित्त बनी हुई दादी जी के प्रति हम सभी दिल से हार्दिक श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं।

वर्तमान समय आपकी आयु 102 वर्ष थी । आपके पार्थिव शरीर को दर्शनार्थ मुख्यालय माउंट आबू के शांतिवन परिसर स्थित कॉन्फ्रेंस हाल में रखा गया है। कल दिनांक 9 अप्रैल को माउंट आबू में स्थित संस्था के अन्य चार ऐतिहासिक और दिव्य परिसरों की यात्रा कराने के बाद दिनांक 10 अप्रैल को दादी जी का अंतिम संस्कार संस्था के परिसर में ही किया जाएगा । अभी देश विदेश के हजारों श्रद्धालु दादी जी के अंतिम दर्शन अर्थ शांतिवन परिसर पहुंचने का क्रम जारी है।
दादी जी ने सन् 1954 में जापान में आयोजित विश्व शांति सम्मेलन में संस्था का प्रतिनिधित्व किया था।

वाराणसी से भी सारनाथ स्थित पूर्वांचल क्षेत्रीय मुख्यालय से क्षेत्रीय निदेशक बी के सुरेंद्र दीदी, प्रबंधक बी के दीपेंद्र,मऊ जिला प्रभारी बी के विमला दीदी, मीडिया एवं पी आर प्रभारी बी के विपिन, बी के गंगाधर, सूरज सहित कई शाखा प्रभारी बहनें मुख्यालय पहुंची हुई हैं ।

देश के अनेक राजनीतिक, सामाजिक, औद्योगिक जगत की हस्तियों ने दादी जी के प्रति अपनी शोक संदेश भेजा है।

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