चर्चा में

मायावती ने कहा! जमाल साहब आप जाइए चुनाव जीतिए, मेरी शुभ कामना आपके साथ है!

आख़िरकार वही हुआ जिसका डर था । सपा नेता अरशद जमाल ने रूखे मन से समाजवादी पार्टी को बाय-बाय करके बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया । एक दल के चौखट पर जब उनके ३७ साल के रिश्ते को तवज्जो नहीं मिला तो आँखों में आँसू का सैलाब लेकर अलविदा सपा करके वह आगे बढ़े तो पहले मौक़े के इंतज़ार में बैठे बसपा नेताओं ने उनके दर्द को सहलाते हुए अपनी सिम्पैथी दिखाई और अपने इस सम्मान का बदला लेने के लिए हाथी का सिम्बल दे दिया।

बसपा ने एक ऐसा दांव खेला है कि अगर उसकी गोटी सेट हुई तो फिर सपा को लेने के देने पड़ जाएँगे ।

आइए पढ़ते हैं अरशद जमाल की अक्षरशः एक एक शब्द…

37 साल पुराने रिश्ते से दूर जाने की बात सोचकर आंखों में बरसात हो जाती है। मैने आज (23-04-2023) शाम के 7 बजे तक समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर इंतजार करता रहा है के शायद अब बुलावा आ जाए। शाम को 5 बजे एक बड़े नेता का बुलावा आया तो समझा के शायद अब कोई अच्छी खबर मिल जाए। दिन 12 बजे बजे जब माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाकात हुई तो मैंने उनसे पूछा के साहब मैं जाऊं तो उन्होंने भरी मन से कहा की हां जाओ। मुझे ऐसा लगा के वो अपने इस फैसले से शायद खुश नहीं हैं, कोई बड़ी मजबूरी है। 7 बजे कार्यालय के दरो दीवार को टकटकी बांध कर देखता रहा। मेरी आंखों से आंसू निकल रहे थे।
टिकट के चक्कर में मैं अपने परिवार के साथ जीवन में पहली बार ईद नहीं मना सका। मेरी पोती ईद के कपड़े पहनकर अपने दादा को तलाश करती रही।
मैं अगर आज कोई फैसला नहीं लेता तो मेरा राजनैतिक करियर समाप्त हो जाता। भारी कदमों से मैं अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ा और ड्राइवर को मॉल एवेन्यू चलने को कहा। बहुजन समाज पार्टी के क्वार्डिनेटर श्री डॉक्टर विजय प्रताप, जिलाध्यक्ष श्री राज विजय, बसपा सांसद श्री अतुल राय के प्रतिनिधि श्री गोपाल राय के साथ बहन जी के आवास पहुंचा। रास्ते में मुबारकपुर के पूर्व विधायक श्री गुड्डू जमाली और रसड़ा के विधायक श्री उमाशंकर सिंह जी ने फोन करके स्वागत किया। सुरक्षा की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद हम लोग बहन जी के निजी कार्यालय पहुंचे। थोड़ी ही देर में हमारा बुलावा आगया। कुछ देर तक राजनैतिक चर्चा के उन्होंने मेरे परिवार के बारे में पूछा और कहा के जमाल साहब आप जाइए चुनाव जीतिए, मेरी शुभ कामना आपके साथ है। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया के हमारी पार्टी में आपको पूरा सम्मान मिलेगा। उन्होंने ये भी कहा के जबतक दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक एक साथ खड़े नहीं होंगे तबतक समाज के शोषित और पीड़ित वर्ग को न्याय नही मिल पाएगा। मैने उनको आश्वस्त किया के मैं एक बुनकर परिवार से आता हूं, मेरे खून में वफादारी रची बसी है। बहन जी ने मुझे बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई।

मुझे क्यों घर बदलना पड़ा ये आप समझ सकते है। अगर मेरा टिकट काट कर तैयब पालकी को दिया जाता तो मुझे ऐसा कदम नहीं उठाना पड़ता, क्युकी वो नेता हैं पार्टी के, 2 बार के चेयरमैन हैं। मुझे कष्ट इस बात का हुआ के मेरा टिकट काटकर एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया गया जिसका जमीन पर कोई वजूद ही नही है। ये बात ऐसी है जैसे किसी ने चप्पल भिगोकर मेरे दिल पर मारा हो। इस घटना के द्वारा मेरे स्वाभिमान को चूर चूर करने का का प्रयास किया है। मैं एक खुद्दार व्यक्ति हूं, वसूलों से कभी समझौता नहीं किया। मैं समाजवादी पार्टी के तमाम नेताओं, दोस्तों, कार्यकर्ताओं से माफी चाहता हूं, जिन्होंने दशकों से हर मोड़ पर मुझे प्यार दिया। नाम लेना उचित नहीं है मगर ये बात सही है के समाजवादी पार्टी के अनेकों बड़े नेताओं ने जिस प्रकार से मेरे टिकट के लिए पैरवी की, मैं जीवन भर उनका आभारी रहूंगा।
अंत में मैं ये कहना चाहता हूं के निकाय का ये चुनाव सरकार बनाने के लिए नहीं होता, बल्कि नगर में विकास के लिए होता है। इसलिए मैं सबसे अपील करता हूं के बिना राजनैतिक विवाद के इस चुनाव में मेरा साथ दें, मैं वादा करता हूं के बिना भेद भाव के नगर वासियों की सेवा में खुद को नेछावर कर दूंगा।
मुझको बहुजन समाज पार्टी का सिंबल मिल चुका है कल दिन में इंशा अल्लाह 12 बजे पर्चा दाखिल करूंगा। पर्चा दाखिल करने में मेरे साथ मात्र कुछ लोग ही एक गाड़ी में जाएंगे। किसी तरह का कोई नारा नही लगाना है और न भीड़ लगाना है। खुशी का इजहार चुनाव जीतने के बाद करें। अल्लाह का शुक्र अदा करें।

अरशद जमाल, बीएसपी प्रत्याशी अध्यक्ष पद, नगरपालिका परिषद मऊ

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