रामलीला में भरत शत्रुघ्न वशिष्ठ मुनि सेना के साथ वन में पहुंचे
घोसी/ मऊ। स्थानीय नगर की रामलीला में भरत शत्रुघ्न वशिष्ठ मुनि सेना के साथ वन में पहुंचे यह देख वनवासी व्यग्र हो उठे यह देख भील श्री राम जी से जा कर कहता है कि एक बड़ी सेना पता नही कहा से आ रही है और पता नही कहा कि जाएगी जिसे देख लक्षमण जी क्रोधित हो उठे तो राम जी ने उन्हें समझाया तत्पश्चात भरत जी राम का सन्मुख पहुंच साँसतांग दंडवत कर पिता के मृत्यु का समाचार सुनाए और राजमहल लौट चलने को कहा तो राम ने मना कर दिया जिसे तब भरत ने कहा कि सिंहासन तो सुना ही रह जायेगा तो वशिष्ठ मुनी ने उपाय बताया और चरण पादुका को सिहासन को स्थापित करने को कहा जिसे लेकर भरत जी वापस अयोध्या चले आते है।