आज़ादी के शुभ अवसर पर पालिका व सदर चौक पर ध्वजारोहण
०स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तकलीफ को महसूस करने की है आवश्यकता:अरशद जमाल
मऊनाथ भंजन। स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्ष गांठ पर पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल द्वारा नगर पालिका प्रांगण में झण्डा रोहण किया गया। राष्ट्रगान के उपरान्त पालिकाध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी दिनेश कुमार ने वहां उपस्थित स्कूली बच्चों एवं कर्मचारियों को सम्बोधित किया।
नगर पालिका कार्यालय से स्कूली बच्चों, सभासदों, कर्मचारियों का पूर्व की भांति नगर पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल के नेतृत्व में एक पैदल मार्च निकाला गया। सदर चौक पर पहुंच कर पालिकाध्यक्ष द्वारा झण्डा रोहण किया गया। शहीद स्मारक पर कैण्डिल जला कर शहीदांे को श्रद्धांजलि दी गयी तथा नगर पालिका की लायब्रेरी में नगर पालिका मऊ के अधिशासी अधिकारी द्वारा झण्डा रोहण किया गया।
इस अवसर पर देश की एकता, अखण्डता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की वीर गाथाओं से आम लोगों को अवगत कराया गया ताकि स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को आत्मसार करने का जोश लोगों के दिलों में खूब पनपे।
इस अवसर पर पूर्व विधायक कामरेड इम्तेयाज अहमद ने लोगों को स्वतंत्रता संग्राम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने लोगों को अवगत कराते हुये कहा कि हमारी आजादी का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है लेकिन हमने इसकी कद्र वैसे नहीं की जैसे करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि जिस इतिहास को याद रखना हमारे लिये नितांत आवश्यक हो उसे याद न रखना भी अपने पुरखों के प्रति नस्लों के द्वारा की जाने वाली नाकदरी कहलाती है। हमें अपने पुरखों की धरोहर को संभालना है जो हमारी साझा जिम्मेदारी है जिसमें आपसी भाइचारा एवं गंगाजमुनी तहजीब सबसे अहम है। हमारी गंगा जमुनी तहजीब हमारी भारतीय संस्कृति का मुख्य आधार है।
इस अवसर पर पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने मौजूद लोगों को हृदय तल से आजादी की मुबारकबाद दी। उन्होंने अपने सम्बोधन में लोगों को बताया कि चूँकि हम स्वयं स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में शामिल नहीं थे और हमने उसे देखा नहीं इस लिये स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर अंग्रेजों द्वारा ढ़ाये जाने वाले निरन्तर जुल्म एवं यातनाओं की उस वास्तविक पीड़ा की अनुभूति से भी हम पूरी तरह अवगत नहीं हो सकते अल्बत्ता हमें उनकी वीर गाथाओं को याद कर उनके द्वारा झेली गयी तकलीफों को अवश्य महसूस करने की नितांत आवश्यकता है।
अधिशासी अधिकारी ने कहा कि आजादी के उपरान्त भी बहुत सारी जंजीरें हमारे पैरों में थीं उन्हें भी तोड़कर हमें मुक्त होना था जिसके क्रम में 1947 के बाद से अब तक हमने बहुत सारी गुलामी की जंजीरों को तोड़ा है।
इस अवसर पर पूर्व विधायक कामरेड इम्तेयाज अहमद, सभासदगण अब्दुस्सलाम शामियाना, शफीकुर्रहमान, मु0 इस्माईल, इकबाल अहमद, मास्टर शमीम अहमद, मुहम्मद आरिफ, मार्क्सवादी कम्यूनिष्ट पार्टी के महासचिव वीरेन्द्र कुमार, भारतीय जनता पार्टी के नेता भरतलाल राही, फखरे आलम, सरवर मंसूरी, संजय वर्मा, अख्तर भारती, सामाजिक संगठों के पदाधिकारीगण, पालिका के अधिकारिययों व कर्मचारियों के इलावा क्षेत्रीय लोगों की बड़ी संख्या उपस्थित थे। सभा का संचालन कामरेड वीरेन्द्र ने किया तथा अध्यक्षता पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने की।