भारत का भ्रष्टाचार! यमराज और नेता जी का वार्तालाप

…हास्य रचना
( डॉ अलका अरोडा )
यमराज घूम रहे थे मग्न हो स्वर्ग के परिवेश में
मर कर पहुंचे भारत के सम्मानित नेता अपने देश से
देख दीवार पर लगी बहुत सारी घड़ियां
नेता जी के दिमाग में बजने लगी घंटियां
तुरंत जबान से यह प्रश्न है फिसला
अरे महाराज यह क्या है झमेला
घड़ियां तो बहुत सी लगी है दीवार पर
कोई किसी से मैच नहीं कर रहीं क्युकर
सबकी सुईयॉ अपनी धुन में चल रही है
सब अलग-अलग समय बता रही हैं
मौन जरा तोडीये घडियों का राज खोलिए
यमराज हुए आतुर बोले वत्स सुन
यह जो अलग-अलग घडियाँ तुम देख रहे हो
सब अलग-अलग समय बता रही हैं
असल में यह समय नहीं बल्कि वहां का
भ्रष्टाचार लेवल का रिकॉर्ड बता रही है
कोई अमेरिका की जपान की
कोई चीन की कोई ताइवान की है
अरब की दुबई की भी दिखाई गई है।
ब्रिटेन की तो देखो मौन ही खडी है
बढ़ रही धीमी चाल से जो
वो ऑस्ट्रेलिया के भेद खोल रही है
नेताजी का दिमाग जरा सा चक्कर खाया
गहन विचार मुद्रा वाला मुंह बनाया
नजरें घुमा कर गोल गोल
सोच में पडे श्री मान नेताजी अनमोल
परम आदरणीय गुरुजन
यमराज जी महाराज
मैं सब की घड़ियां देख रहा हूं
पर भारत किसी के नीचे लिखा हो
ऐसा नहीं देख पा रहा हूं
क्या तुम किसी दुश्मन मुल्क से मिले हो
भारत जैसे सुंदर देश का
डाटा ही छुपा रहे हो
जानकर नेताजी की जिज्ञासा
यमराज भी मुस्कुराया जरा सा
यमराज जी ने अपना मुखारविंद खोला
भारत की व्यवस्था का राज धीमे से खोला
और बोला
हम पर यूं ना उंगली उठाओ
ऊपर जरा नजरे घुमाओ
घूम रहा है पंखा तेज
अरे भइया रंगरेज ।
भारत की कार्यप्रणाली को बारम्बार नमन
और कर्मचारियों को प्रणाम है लगातार
ये पंखा ही बता रहा भारत का
वर्तमान और इतिहास
ये जो छत पर 100 की स्पीड पे
घूम रहा है बंधुवर प्रियवर
पूजनीय नेता जी महाराज
यही है भारत का भ्रष्ट्राचार
यही है भारत का भ्रष्ट्राचार
डॉ अलका अरोडा
प्रो० देहरादून