खास-मेहमानचर्चा में

न आईएएस का अहम झुका,न चिकित्सा अधीक्षक का वहम

अखबार का कोना : आज

■ झुका तो कलेक्टर ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी का बड़कपन, फिलहाल काम पर आज से लौटेंगे डाक्टर


(ऋषिकेश पाण्डेय)


मऊ। “शीशा-पत्थर साथ रहें तो, बात नहीं घबराने की। दोनों में बस एक शर्त हो, जिद न करें टकराने की”। इन पंक्तियों को चरितार्थ करते हुए जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने रविवार को एक विशेष बैठक आहूत कर लाकॅ डाऊन के बीच हाट स्पाट पर आईएएस एसडीएम सदर अतुल वत्स और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोपागंज के चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर आरके झा के बीच सरेआम गाली-गलौंज के बाद जनपद के चिकित्सकों द्वारा कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन करने और आईएएस पर काररवाई के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम देने के मामले को सुलझाते हुए आईएएस अतुल वत्स को एक बार फिर वाकओवर देने का काम किया है। सूत्रों की मानें तो जिलाधिकारी के संग हुई बैठक में भी आईएएस और चिकित्सा अधीक्षक के बीच”तुम,तुम हो और हम,हम हैं। न तुम कम हो,न हम कम हैं” जैसे हालात ही देखने को मिले।इस प्रकार इस बैठक में न आईएएस अतुल वत्स का अहम झुका और न चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर आरके झा का वहम।अगर,कोई झुकता दिखा तो वो कलेक्टर ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी का बङकपन।जो,आपातकाल जैसे हालात में जनपद की सलामती के लिए दिन-रात एक किये हुए हैं।शायद,यही वज़ह है कि देश के बिगड़े हालात के बीच जनपद मऊ में स्थितियां अभी बेकाबू नहीं हुई हैं। यह अलग बात है कि स्थिति बहुत अच्छी भी नहीं कही जा सकती।क्योंकि हाट स्पाट क्षेत्रों से मिल रही खबरों से सुविधाओं को लेकर संतोष के बजाय व्यापक असंतोष के भाव ही प्रकट हो रहे हैं।बहरहाल,इस हाई-प्रोफाइल प्रकरण का फौरी पटाक्षेप तो हो गया और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर सतीशचंद्र सिंह और जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी के संयुक्त हस्ताक्षर से इस आशय का सहमति पत्र भी मीडिया को जारी हो गया कि 27अप्रैल से कोपागंज के हाट स्पाट क्षेत्रों में संक्रमित मरीजों के सर्वे का काम फिर से शुरू होगा और जांच रिपोर्ट में दावा किया गया कि आईएएस और चिकित्सा अधीक्षक के बीच कोई गाली-गलौंज जैसी बात हुई ही नहीं थी।जबकि चिकित्सा अधीक्षक और आईएएस दोनों के आरोप-प्रत्यारोप के वीडियो न सिर्फ जनता के सामने आये थे। बल्कि दोनों को ही मीडिया के सामने बकायदे पत्रकार वार्ता बुलाकर अपने-अपने पक्ष भी रखने पड़े थे। जिलाधिकारी की सूझ-बूझ ने यद्यपि कि इस मामले का स्थानीय स्तर पर निबटारा जरूर कर दिया है।लेकिन, दोनों के अपने-अपने पदों पर बने रहने से आईएएस के अहम और चिकित्सा अधीक्षक के वहम की टक्कर कब तक बची रहेगी?इस बात की चर्चा जनपदवासियों के जुबान पर विशेष रूप से तैर रही है।

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