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मऊ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुरातन छात्रों का “मिलाप”

राजेश कुमार सिंह…


यह इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिवार है,
करता सबका सम्मान है।
अपनो को जोड़ कर रखता है,
बड़ों का सदा आदर करता है।
यही इसकी पहचान है।।

है इसका एक आदर्श वाक्य
कहते हैं जिसको ‘जितनी शाखाएँ उतने वृक्ष’।
लैटिन भाषा में मूलतः वाक्य यह,
जिसमे कहते ‘क्वाट रामी टाट अर्बोरिस’।
प्रतीक बरगद के वृक्ष में यह निहित है,
जो दिखता अलौकिक है।
यह हम सब की शान है,
मान है -सम्मान है।
यही तो इसका निशान है,
जो हम सब का अभिमान है।

सितम्बर 1887 में स्थापित हुआ,
देश का चौथा पुरातन विश्विद्यालय का इसे सम्मान मिला।
कहते हम पूर्व का आक्सफोर्ड जिसे,
सम्पूर्ण जगत में लहराता जिसका परचम है।
यह इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिवार है।

इसमें दाखिले से बढ़ जाता सम्मान है ।
जब हम किशोरावस्था इसमें दाखिला लेते,
क्रमशः अपने सपनो को ऊंचा कर जाते ।
लक्ष्य जितना चुनौतीपूर्ण होता ,
प्रयत्न उसके लिए निरन्तर होता।
छात्र – छात्रा नहीं विचलित होते ,
अपने पथ पर निरन्तर अग्रसर होते।
उनको सदा यह भान होता,
कि वह अपनो का अभिमान हैं।
घर-परिवार, क्षेत्र की पहचान हैं ,
देश के होने वाले शान हैं।

इसके रत्नों की लंबी श्रृंखला है ।
हुए शहीद लाल पद्मधर यहीं,
स्वतन्त्रा आन्दोल ने रचा इतिहास यहीं ।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक,
साहित्यकार, कानूनविद, प्रशासक, डॉक्टर, इंजीनियर, समाजसेवी आदि अपनो ने स्वर्णिम इतिहास लिखा,
मान और सम्मान लिखा ।
जो निरन्तर जारी है ,
अब हमारी बारी है ।
यह इलाहाबाद विश्विद्यालय परिवार है ,
करता सबका सम्मान है ।

विगत दिनों यह बात उठी ,
मऊ में पूर्वांचल के अपनो का ‘मिलाप’ हो।
बात हो-संवाद हो,
एक बड़े लक्ष्य का आगाज़ हो,
जिससे अपनो का सदा सहयोग और सम्मान हो।
सदा हम एक दूसरे के साथ रहें,
मुश्किल में भी अपनो के साथ रहें ।
तिथि इसकी नियत है,
जिसमे आप सभी की जरूरत है ।
‘मिलाप’ यह आप का अपना है,
जिसके आप आयोजक है।
यह इलहाबाद विश्विद्यालय परिवार है,
करता सबका सम्मान है ।।

सादर – राजेश कुमार सिंह
मऊ
9415367382

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