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मऊ पुलिस ने 14 लाख के फर्जी नोट के साथ तीन तस्करों को दबोचा

◆ 01 लाख 17 हजार असली नोट तथा नोट छापने में प्रयुक्त तीन रिम कागज, एक प्रिमियम प्रिन्टिग मशीन, 05 मोबाईलफोन व एक चार पहिया वाहन बरामद

मऊ पुलिस को उस समय अहम सफलता हाथ लगी जब रविवार को देखभाल क्षेत्र व चेकिंग के दौरान जरिये मुखबिर की सूचना पर ग्राम काछीकला अण्डर पास पर रात्रि चेकिंग हेतु एक स्विफ्ट डिजायर कार को रूकवाया गया। पुलिस को चेकिंग के दौरान कार से प्लास्टिक के तीन झोले में 14 लाख 11 हजार मूल्य के नकली नोट तथा 01 लाख 17 हजार 400 मूल्य के असली नोट बरामद किया गया, वाहन की सघनता से चेकिंग के दौरान डिग्गी से एक प्रिमियर प्रिन्टर मशीन, तीन रिम पेपर बरामद हुआ। पूछताछ के दौरान उक्त व्यक्तियों द्वारा अपना नाम क्रमशः अंकुर कुमार बिन्द उर्फ रवि पुत्र रामकृत राम निवासी हाटा थाना युसुफपुर मुहम्मदाबाद जनपद गाजीपुर, सुरेन्द्र सागर सिंह सोनकर उर्फ रविन्द्र पुत्र अर्जुन प्रसाद निवासी तकिया थाना राबर्टसगंज जनपद सोनभद्र, कुणाल यादव पुत्र गरजू यादव निवासी कान्दर थाना सैदपुर जनपद गाजीपुर ज्ञात हुआ।
मऊ के पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय के निर्देशन में अपराध/अपराधियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में एसओजी/स्वाट/सर्विलांस टीम व थाना कोपागंज पुलिस को मिली इस सफलता पर मऊ पुलिस गदगद है। बरामद फर्जी व असली नोटों के बारे में कडाई से पूछताछ के दौरान उक्त गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि यह सभी फर्जी नोट हम सब लोग मिलकर इसी प्रिटिंग मशीन से छापते है तथा अन्य जनपदों में भ्रमण कर जनता को धोखे से फर्जी नोट देकर असली नोट ले लेते है। यह जो असली नोट बरामद है इसको हम लोग फर्जी नोट से बदल कर ही प्राप्त किये है। आज भी हम लोग पैसा लेकर गोरखपुर बदलने हेतु ही जा रहे थे कि पकड़ लिये गये। कड़ाई से पूछताछ के दौरान उक्त द्वारा बताया गया कि अभियुक्त अंकुर बिन्द पूर्व में भी जनपद सोनभद्र से जेल जा चुका है, इस दौरान ही जेल में इन तीनों की मुलाकात हुयी थी। तत्पश्चात इन तीनों में दोस्ती हो गयी, जमानत के पश्चात यू-ट्यूब पर जाली नोट बनाने का तरीकों को देखकर जाली करेंसी बनाने लगे, धीरे-धीरे कई लाख रुपये छापकर उक्त कुणाल व सुरेन्द्र के माध्यम से आस-पास के जनपदों में खपाने लगे।
इस सम्बन्ध में उक्त अभियुक्तों के विरूद्ध थाना स्थानीय पर धारा 420,498ए,489बी,489सी,489डी भादवि0 व धारा 3/7 आरबीआई एक्ट का अभियोग पंजीकृत कर चालान न्यायालय किया गया तथा बरामद चार पहिया वाहन को अन्तर्गत धारा 207 एमवी एक्ट सीज किया गया।

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