फर्जी पट्टा प्रकरण में लेखपाल और बाबू पर गिरी गाज
@ पवन कुमार पांडेय
मधुबन। तहसील क्षेत्र के गांव रमउपुर में फर्जी पट्टा मामले में दो लेखपाल समेत संविदा कंप्यूटर ऑपरेटर पर गिरीगाज।जिससे विभाग में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। बता दे कि बीते शुक्रवार को रमऊपुर में 25 से अधिक ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया। तथा आरोप लगाया कि गांव की नवीन परती की भूमी पर गांव के ही दो लोगों का अवैध कब्ज़ा है। यहां तक कि उन लोगों द्वारा अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर के सहारे उक्त भूमी का पट्टा करा लिया गया है। जबकि उक्त भूमी को ग्राम प्रधान द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र बनाने के लिए प्रस्तावित किया गया है। तहसील क्षेत्र के रमऊपुर में गाटा संख्या 136 रकबा 0.019 हेक्टेयर नवीन परती के रूप में अंकित है। प्रदर्शन करने वाले लोगों का कहना था कि इस पर गांव के ही दो लोगों का अवैध कब्ज़ा है। हालांकि पूर्व में तहसील प्रशासन से शिकायत के बाद उक्त उक्त भूमी की पैमाइस कराई गयी थी। तब कब्ज़ा धारक कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए थे। तहसील प्रशासन द्वारा एक सप्ताह के अंदर भूमी को खाली करने का आदेश भी दिया गया था। बावजूद इसके कब्ज़ा अभी भी बरकार है।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि धरमू यादव का कहना था कि उनके द्वारा उक्त भूमी को आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जाने के लिए प्रस्तावित किया गया है। अभी यह प्रक्रिया चल ही रही है कि इसी बीच अवैध कब्ज़ा धराकों द्वारा बैक डेट में भूमी के पट्टा का कागज दिखा कर भूमी खाली करने से इनकार किया जा रहा है। जबकि उनके द्वारा कभी पट्टा के लिए प्रस्ताव ही नहीं किया गया। आरोपियों द्वारा बिना प्रधान के प्रस्ताव के ही लेखपाल एवं तहसील कर्मियों की मिली भगत से भूमि का पट्टा करा लिया गया है। जबकि पट्टे के कागजात पर किये गए हस्ताक्षर पूरी तरह फर्जी हैं। कूटरचित तरीके से दस्तावेज तैयार किए गए हैं। मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए एसडीएम अखिलेश सिंह यादव ने इसकी जांच तहसीलदार डा. धर्मेंद्र पाण्डेय को सौंपी । तहसीलदार डा. धर्मेंद्र पाण्डेय ने अपनी जांच में पाया कि लेखपाल आशुतोष रॉय, अरुणेंद्र यादव व ऑपरेटर विवेक गुप्ता संलिप्त है। उन्होंने अपनी जांच एसडीएम को सौंप दिए। जिससे बाद एसडीएम अखिलेश सिंह यादव ने दोनो लेखपाल को निलंबित करते हुए आपरेटर को नोटिस जारी कर दिए।