केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी व गिरफ्तारी की मांग को लेकर किसान मोर्चा ने किया प्रदर्शन

मऊ ।संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी व गिरफ्तारी की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी रेल रोको आंदोलन पर आज वामपंथी दलों, किसान संगठनों, और जन संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले मऊ रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन कर गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने की राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा। संयुक्त किसान मोर्चा के लोग रेल रोको अभियान के तहत रेलवे जंक्शन पहुंचे तो जरूर लेकिन वह रेल रोकने के अपने अभियान में फेल हो गए। पुलिस प्रशासन की टीम ने उन्हें रेलवे जंक्शन से ही बाहर से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया। उन्होंने अपना मांग पत्र देने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार किसान आंदोलन से जब नहीं निपट पा रही है तो किसान आंदोलन को हिंसात्मक बनाने की साजिश रच रही है, इसी कड़ी में लखीमपुर खीरी की घटना को अंजाम दिया गया है, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी एक हिस्ट्रीसिटर है और उनका एक आपराधिक इतिहास है अपने इसी अपराधिक इतिहास को बताकर किसान आंदोलन में शामिल किसानों को दो मिनट में निपटा देने की धमकी दे रहे थे, लखीमपुर खीरी घटना गृह राज्य मंत्री के इशारे पर ही अंजाम तक पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले दस महीनों के लंबी शहादतों के बाद भी किसान जब शांति का रास्ता नहीं छोड़ा तो किसान आंदोलन को सबक सिखाने के और हिंसात्मक बनाने की रणनीति के तहत सरकार ने करनाल, राजस्थान और लखीमपुर खीरी जैसी घटना को अंजाम दिया।

हिंसात्मक घटनाओं में शामिल पुलिस ,अधिकारी ,गृहराज्य मंत्री के बर्खास्तगी और गिरफ्तारी तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से आम जनता त्रस्त है आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता इसका हिसाब लेगी, सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की बात करने वाली मोदी सरकार केवल पूजीपतियों के विकास और विश्वास के लिए काम कर रही हैं। किसान विरोधी कृषि कानून से देश की खेती किसानी तबाह और बर्बाद हो जाएगी, देश के आम गरीब मजदूर के सामने इस महंगाई में जीना दूभर हो जाएगा,देश के सारी सरकारी संस्थाओं को निजी हाथों में सौंप कर नौजवानों को को बधुआ मजदूर बनाने की साजिश कर रही है मोदी सरकार। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से कामरेड राम सोच यादव, राम कुमार भारती, अब्दुल अजीम खान ,बसंत कुमार, रामजी सिंह, गुफरान, वीरेंद्र कुमार ,अनीश खान, जितेंद्र राजभर समसुलहक चौधरी, त्रिभुवन शर्मा ,शैलेंद्र कुमार, रामु प्रसाद संजीव, सिकंदर ,अवधेश यादव, मुन्ना यादव, सुभाष चंद्र कल्पनाथ, राम शबद, राम नवल, विद्याधर, साधु यादव हरिश्चंद्र, गोकुल, अमीर, कैलाश चौहान, ताहिर, फखरे आलम आदि शामिल रहे।
