कुछ अलग ! रमजान में मुस्लिम दोस्तों को देने के लिए परिवार सहित पापड़ बना रहे अनुज
(आनन्द कुमार)
मऊ। लाकॅ डाउन ने भले ही आपको घरों में कैद रखा है, लेकिन आपके मन में अगर कुछ अलग कर गुजरने का जज्बा हो तो उसे आप जरूर पूरी कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ अलग कर गुजरने का जज्बा ठान एक श्रीवास्तव परिवार ने समय व्यतीत करने के साथ-साथ हिन्दू- मुस्लिम संस्कृति को एक धागे में पिरोने का जो काम कर रहा है वास्तव में यह काबिले तारीफ है। समाज में नफरत फैलाने एवं समाज को लड़ाने भिड़ाने का काम करने वालों के मुंह पर हिंदू मुस्लिम एकता के प्रति इस परिवार की यह छोटी सी पहल एक करारा तमाचा है तथा समाज के जाति और धर्म के ठेकेदारों के प्रति खुली चुनौती है की तुम लाख लड़ाते रहोगे, लेकिन जिनके अंदर मोहब्बत होगी वह कभी नहीं लड़ेंगे। वह चाहे हिंदू हों, चाहे मुसलमान।
लाकॅ डाउन में कुछ अलग, कुछ अनोखा करने का जज्बा संजोए इस परिवार का आइए हम आपका परिचय कराते हैं, नगर के मुंशीपुरा मुहल्ले के रहने वाले हैं और भारतीय जीवन बीमा निगम में कार्यरत अनुज कुमार श्रीवास्तव उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सीमा श्रीवास्तव और पुत्र असीम श्रीवास्तव हैं । कार्यालय बंद होने के कारण लाकॅ डाउन में घरों में कैद यह परिवार जब तरह तरह के कार्यों में व्यस्त होने के बाद भी समय नहीं बचा तो घर में पापड़ बनाने का कार्य कर रहे हैं। उनसे संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि पहले लाकॅ डाउन 21 दिनों का था, फिर दोबारा लाकॅ डाउन 19 दिन का हो गया अब 3 मई तक समय बिताने के लिए मैं और मेरी पत्नी और मेरा पुत्र जो बाहर रह कर पढाई कर रहे थे, वह भी इस समय घर पर ही हैं। उन्होंने बताया कि सभी साथ में समय बिताने के लिए मिलजुल कर पापड़ बनाने का कार्य कर रहें हैं। अपने रूटीन के दिनचर्या के बारे में बताया कि सबसे पहले सुबह फ्रेश होने के बाद मैं और मेरा पुत्र एक घंटे व्यायाम करते हैं। व्यायाम करने के बाद स्नान करते हैं, उसके बाद पूजा करके नाश्ता पानी करने के बाद पेपर पढ़ते हैं और फिर हमारी पत्नी भी नाश्ता वगैरह बनाने से खाली हो जाती है। फिर हम लोग एक साथ बैठकर दो घंटे तक पापड़ बनाने का काम करते हैं। लगभग इस समय दस किलो पापड़ बन चुका है। मैंने उनसे पूछा कि इतना पापड़ क्या करेंगे तो उन्होंने बताया कि कुछ हमारे मुस्लिम दोस्त हैं, रमजान भी शुरू हो रहा है। मैं उन दोस्तों को अपनी तरफ से रमजान पर पापड़ गिफ्ट देना चाहता हूं। ताकि हिन्दू मुस्लिम एकता कायम रहे। उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य 3 मई तक पचास किलो पापड़ बनाने का है। उनसे पूछा गया कि समय बिताने के लिए और क्या-क्या करते हैं तो उन्होंने बताया कि उपन्यास पढ़ते हैं, मूवी देखते और गेम खेलकर समय काट लिया जाता है। उन्होंने मऊ वासियों से अपील भी किया है कि लॉक डाउन का पालन करें और समय बिताने के लिए अपने घर और परिवार के सदस्यों साथ मिलकर कुछ न कुछ घर पर ही काम करते रहें इससे आसानी से समय बीत जाएगा।

