डीएम/पत्रकार व प्रेस वार्ता, दिल है कि मानता नहीं
(मु. अशरफ)
मऊ। जी हां पढ़ने व सुनने में यह हैडिंग आपको भले ही अजीब लगे, लेकिन यह सच है कि मऊ के जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी का दिल, कुछ ऐसा ही हो गया है कि यह दिल है कि मानता ही नहीं। जबसे कोरोना नाम के वायरस ने वैश्विक महामारी के रूप में अपनी जड़े जमाने की कोशिश कर दी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनता कर्फ्यू के बाद 21 दिन का लाकॅ डाउन व उसके बाद पुनः 03 मई तक लाकॅ डाउन बढाये जाने की घोषणा के बीच जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी हैं की न रूकने का और ना ही थमने का नाम ले रहे हैं। जनपद के पुलिस कप्तान के साथ साथ अपने प्रशासन के सभी आला अफसरों के साथ पूरे जनपद में गो कोरोना गो में लगे हुए हैं। उनके व उनकी टीम के कड़ी मेहनत का ही देन है कि अब तक जनपद में एक भी कोरोना का पाजिटिव केस नहीं मिला है।
इसलिए जिलाधिकारी लॉकडाउन में जिस तरह से अपना कार्य कर रहे हैं वाकई वह काबिले तारीफ है और चंहु ओर चर्चा हो रही है। पीएम का लाकॅ डाउन का ऐलान होते जनपद के लोकप्रिय जिलाधिकारी ने ततपरता दिखाते हुए जनपद सभी सीमाओं को सील करा दिया और बाहर से आने वाले हर व्यतियों पर पूरी तरह से मऊ सीमा के अन्दर प्रवेश करने पर रोक लगा दिया। जिसका नतीजा यह है कि आज मऊ एकदम सुरक्षित है और जो भी व्यक्ति क्वारनटाइन सेंटर में रखे गये उन सभी का जांच कराया, जिसमे सभी निगेटिव मिले।
अब बात हो रही है ये दिल है कि मानता नहीं यह फिल्मी गीत जिलाधिकारी और पत्रकारों के बीच सटीक बैठ रहा है। जनपद में जबसे लॉकडाउन लगा है तबसे लगातार प्रेसवार्ता की जा रही। जिसमें जिलाधिकारी हर रोज प्रेसवार्ता कर कोरोना से सम्बंधित पत्रकारों को अपडेट करते रहते हैं ताकि ख़बर छपे और मऊ की जनता इस महामारी को समझे और पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन का सहयोग करें। इतना ही नहीं प्रेस के बीच ही पत्रकारों और आम जनता को यह जागरूक करते है आप लोग पुरानी परम्पराओं को अपनाएं और खान-पान सही करें। अगर हम पुरानी परम्पराओं को अपनाकर खान पान सही कर ले तो बीमारियों से बच सकते हैं।

