10 पैसे में 1 किलो आलू लेलो…
अभी कुछ दिनों पहले आलू से सोना बनाने की खबर जोरों पर थी. लेकिन अब किसानों का आलू कोई कोड़ियों के भाव भी नहीं पूछ रहा है. ये अलग बात है कि दिल्ली के कई स्टोरों में अब भी आलू करीब 15 से 20 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. इन दिनों जब आगरा के किसानों से बात करेंगे तो वो आप से यही कहेंगे कि उनके आलू का भाव 10 पैसे प्रति किलो भी नहीं मिल रहा है. चर्चा तो यहां तक है कि आलू को अब कचरा समझा जा रहा है. जिन किसानों ने अपने आलू को इस लालच में कोल्ड स्टोरेज में रख रखा था कि आने वाले वक्त में उन्हें आलू का अच्छा भाव मिलेगा. उनकी स्थिति ऐसी है कि वो कोल्ड स्टोरेज के मालिकों से ये कहने को मजबूर हैं कि वो उनके आलू को बेचकर अपना किराया निकाल लें. मलतब उनके पास इतना भी पैसा आलू बेचने के बाद नहीं मिल पाएगा कि वो कोल्ड स्टोर का किराया चुका सकें. क्योंकि इन दिनों आलू का भाव बेहद गिरा हुआ है. इसके पीछे कई कारण है एक तो नया आलू बाजार में आ गया है. जिसकी वजह से भी पुराने आलू को कोई पूछने वाला नहीं है. जबकि किसानों का कहना है कि एक किलो आलू के उत्पादन पर करीब सवा रुपये की लागत आती है. कई किसान तो ऐसे हैं जिनको 10 लाख तक का नुकसान हुआ है. जबकि कुछ किसानों के पास इतने पैसे भी नहीं है कि वो रबी की फसल बुआई कर सकें. किसानों का कहना है कि नया आलू आने की वजह से पुराने आलू की कोई पूछ नहीं रह गई है. हालांकि प्रदेश सरकार का कहना है कि 99 प्रतिशत किसानों ने अपना आलू कोल्ड स्टोर से निकाल लिया है. इतना ही नहीं सरकार ने ये भी कहा कि जब किसानों को आलू सरकार खरीद रही थी तो कई किसान आलू बेचने नहीं आएं. जबकि किसानों का आरोप है कि सरकार ने आलू खरीद की शर्तें काफी सख्त रखी थी. जिसकी वजह से वो सरकार को आलू नहीं बेच सके. आलू किसानों के साथ-साथ कोल्ड स्टोर के मालिकों का भी काफी नुकसान हुआ है. उनके स्टोर में रखा आलू किसान लेने नहीं आ रहे है. ऐसे में किसानों के साथ एक बार भी भद्दा मजाक हो रहा है. गुजरात चुनाव में जिस आलू से सोना बनाने की बात चल रही थी. आम आदमी से लेकर किसान, और खास आदमी का ध्यान सोना उगलने वाले आलू ने अपनी ओर खींचा था. अब वही आलू मिट्टी हो गई है.
…..आदर्श कुमार की कलम से