प्रशासन को आईना दिखाते भाजपा नेता मुन्ना दूबे
सोशल मीडिया के फेसबुक पेज से आम जनता की दास्तान…
कोरोना मरीज के भर्ती के लिए सोर्स चाहिए?
मरीजों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है स्थिति बहुत भयावह होती जा रही है| भीटी निवासी संतोष शर्मा ने सुबह अपनी सास को ले जाकर सदर सदर अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती करना चाहा तो ऑक्सीजन नहीं है का बहाना बनाकर वापस किया गया| मैंने जो फोन किया तो फिर आपस में 2 स्टाफ भीड़ गए | कौन भर्ती करेगा क्यों फोन से बात कर लिए एक दूसरे पर आरोप लगाते लड़ते रहे और मरीज वहां से अन्यत्र चला गया |इसी प्रकार रात में रसड़ा की 8 वर्षीय ज्योति तिवारी बच्ची को दर-दर भटकना पड़ा |किसी तरह से ओम हॉस्पिटल में भर्ती हुई |इसके बाबा भरत तिवारी की कुछ दिन पहले कोरोना से मृत्यु हो गई थी |ठीक ऐसी घटना रात में गहनी के वीरसेन राजभर की माता जी के साथ हुआ कई अस्पताल में भटकने के बाद सदर अस्पताल पहुंचे | मेरे दबाव डालने पर कुछ समय के लिए भर्ती लिए ,फिर इसके बाद आजमगढ़ के लिए रेफर कर दिया |रात भर फोन यहां वहां करते रहे फिर सुबह फोन करना पड़ा |इस संदर्भ में सीएमएस को फोन लगाता रहा फोन नहीं उठा| फिर मैं सिटी मजिस्ट्रेट साहब को अवगत कराया हूं |किसी प्रकार मरीज भर्ती हो गया तो फिर उसकी देखरेख नहीं की जा रही है |भर्ती की औपचारिकता पूरी की जा रही है |कोरोना से ज्यादा लापरवाही के कारण मृत्यु हो रही है।
क्या कोरोना का इलाज हलवाई करेंगे?
करोना के मरीजों का इस अस्पताल से उस अस्पताल तक दर-दर भटकने के नाते मौत हो जा रही है |मरीज को भर्ती करने के लिए अनेक प्रकार का बहाना किया जा रहा है |ऑक्सीजन नहीं है ,डॉक्टर नहीं है ,जगह नहीं है, व्यवस्था नहीं है ,अनेक कारण बताकर के कोरोना मरीज से पीछा छुड़ा लिया जाता है |और उसे सड़क पर लावारिस छोड़ दिया जाता है |सदर अस्पताल का इमरजेंसी पूरा खाली क्यों है ?जबकि मरीज चारों तरफ भटक रहे हैं |सरकारी अस्पताल को ऑक्सीजन दी जा रही है |बचा हुआ ऑक्सीजन ही प्राइवेट अस्पताल को दिया जा रहा है |फिर सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी का विषय क्यों आ रहा है ?ऑक्सीजन का विषय कौतूहल बनता जा रहा है |अगर लोगों को अपना जान बचाना है तो बड़ी बड़ी डिग्री, देश विदेश से रिटर्न की डिग्री ,बड़े-बड़े भवन, यह किसके लिए बनाए गए हैं ?क्या इस विपत्ति काल में कोरोना का इलाज हलवाई करेंगे ?पान विक्रेता करेंगे? किसान और बुनकर करेंगे ?डॉक्टर आप हैं ,पढ़ाई आपने किया है ,नर्सिंग होम आपने खोला है ,बड़े-बड़े बोर्ड आप ने लगाया है ,और आज समय आया है, तो आप स्वयं अपने को बचा रहे हैं |यह एक बहुत बड़ी चुनौती है जिससे चिकित्सा क्षेत्र को स्वीकार करते हुए इस विपत्ति काल में सामने आना चाहिए |और अपने नैतिक दायित्व का निर्वहन करना चाहिए |कुछ चिकित्सक पूजनीय हैं जो जान की बाजी लगाकर मरीजों की देखरेख कर रहे हैं|
एक आग्रह…
सरकारी महिला अस्पताल पर कोविड का टीकाकरण हो रहा है जहां भारी भीड़ लग रही है लोग बाहर भयंकर तपन और गर्मी मैं खड़े रह रहे हैं आपस में दूरी और मास्क कि बगैर परवाह किए एक पर एक भीड़ कर रहे हैं |इस समय पुलिस चुनाव ड्यूटी पर बाहर है |अगर कुछ लोग सहयोग कर सकते हैं तो उनसे अपेक्षा है की महिला सरकारी अस्पताल पर लाइन लगवाना, आपस में दूरी रखवाना ,मास्क लगाने के लिए बताना, जैसे काम के लिए कुछ श्रम और समय का दान करें तो बड़ा अच्छा होगा|उन्हें आगे आना चाहिए |यह एक बड़ा उपकार होगा| यहां छांव की भी व्यवस्था करनी होगी |यह महामारी का काल है हम सबको सहयोग में सम्मिलित होना चाहिए |बहुत सी संस्थाएं हैं जो ऐसे आपत्ति काल में सहयोग के लिए तत्पर रहते हैं|इस सहयोग में मैं आपके साथ रहूंगा।
हाहाकार…
डीएम मऊ व सीएमओ मऊ से वार्ता…
अपना जान बचाने के लिए घर में छिपे रहें और लोग सड़कों पर मरते रहें, ऐसे जिंदगी से बेहतर है मौत हो जाना |मैं क्षण भर भी ऐसी जिंदगी नहीं चाहता हूं |बार-बार फोन पर लोगों की पीड़ा और बात सुनकर मैं विचलित हो गया और कई अस्पतालों को जाकर देखा तो मरीजों के प्रति संवेदनहीनता,भर्ती करने के लिए कोई तैयार नहीं ,सदर अस्पताल के इमरजेंसी में कोई नहीं दिखाई पड़ा ,देखा कि अंजुम परवीन नाम की मुस्लिम महिला टैंपू पर बेहोशी हालत में पड़ी है |इमरजेंसी में कोई लेने के लिए तैयार नहीं ,बोला गया कि ऑक्सीजन नहीं है ,कोई डॉक्टर नहीं है ,कोई व्यवस्था नहीं है |मैंने तुरंत सीएमओ मऊ से बात किया | उन्होंने तुरंत व्यवस्था करने की बात कहा फिर वह मरीज इमरजेंसी गेट से शारदा नारायण हॉस्पिटल चली गई |सीएमओ मऊ श्री सतीश चंद्र सिंह जी ने बताया कि सभी प्राइवेट हॉस्पिटल सभी प्रकार के मरीजों को भर्ती करेंगे |कोविड-19 की जानकारी होने पर उस मरीज को परदहा कोविड-19 में भर्ती कराया जाएगा |कोविड के मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परदहा और बापू मेडिकल कॉलेज कोपागंज दो स्थानों पर भर्ती करने की व्यवस्था की गई है|सदर अस्पताल और महिला अस्पताल के टीकाकरण केंद्रों पर बिना मास्क लगाए एक पर एक भीड़ थी |टीका लगाने वाले स्टॉफ बिना पीपी किट के मिले जो चिंताजनक हालत है |सरकारी अस्पताल में बिना पीपी किट के और बिना सैनिटाइजर के कर्मचारी मिले |प्राइवेट डॉक्टरों ने बताया कि हमें ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं मिल रही है|इन सभी विषयों पर जिलाधिकारी महोदय से वार्ता हुई उन्होंने बताया कि मैंने सभी डॉक्टरों की मीटिंग करके उन्हें साफ-साफ कह दिया है कि मरीजों को भर्ती किया जाये, उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए | कोविड-19 जानकारी होने पर जिला प्रशासन को अवगत करा दें जिससे उनका इलाज कोविड-19 हास्पिटल में कराया जा सके |भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस नहीं है केवल 65 होमगार्ड बचे हैं ,सभी चुनाव ड्यूटी पर चले गए हैं |करोना के संदर्भ में जिलाधिकारी महोदय बहुत सख्त हैं |इस संदर्भ में किसी की भी लापरवाही क्षम्य नहीं होगी |कोई दिक्कत हो तो अवगत कराएं।
बिल्कुल प्रासंगिक है।