योगी आज मऊ में, रैली के बाद भाजपा जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं की बढ़ जाएगी जिम्मेदारी, डिम्पल के जीत का श्रेय लेंगे तो, लेनी होगी हार की भी जिम्मेदारी
(आनन्द कुमार)
मऊ। सूबे के मुख्यमंत्री व देश में प्रधानमंत्री मोदी के बाद कद्दावर चेहरा में विख्यात हो रहे, आदित्यनाथ योगी मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मंगलवार को नगर निकाय चुनाव में चुनावी जनसभा को संबोधित करने नगर के सोनी धापा मैदान में तीन बजे आ रहे हैं। जहां तक मेरी जानकारी है, देखा जाए तो किसी मुख्यमंत्री का नगर पालिका अध्यक्ष पद के प्रत्याशी का प्रचार करने आना, उसके लिए वोट मांगना, व जनसभा करना मऊ के नगर निकाय के राजनैतिक इतिहास में पहली बार हो रहा है। यह इतिहास भाजपा के नाम दर्ज हो रहा है, सपा, बसपा व कांग्रेस इससे पीछे छूट गये हैं। अब इस इतिहास के मायने क्या हैं, फायदा व नुकसान क्या सब वक्त की काल कोठरी में 29 नवम्बर को मतदान के दिन कैद हो जायेगी व मतगणना के दिन असल तस्वीर सामने आयेगी।
नगर निकाय चुनाव में भाजपा के फायर ब्रांड नेता व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आएंगे, चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे, अपने मन की बात को लोगों से कहेंगे, जनता कुछ उनके तरफ झुकेगी, कुछ उनकी बातों पर विचार करेगी, फिर वह भाषण देने के बाद लखनऊ को लौट जाएंगे।
मऊनाथ भंजन नगर पालिका परिषद के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व से लेकर जिला स्तर व बूथ स्तर तक का नेतृत्व कमल खिलाने के लिए जी तोड़ मेहनत करता दिखाई दे रहा है। ऐसे में जिला और बूथ स्तर के नेतृत्व का मेहनत कितना सफल होता है यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही देखने को मिलेगा। इसलिए की छोटे से कस्बे में इस चुनाव को लेकर भाजपा ने जो अपनी पूरी ताकत झोंक दी है तथा वह पूरी टीम को लगा रखी है, वास्तव में यह लोग अगर इमानदारी से काम कर रहे होंगे तो परिणाम बेहतर आने की गुंजाइश हो सकती है। नहीं तो सिर्फ और सिर्फ परिणाम के बाद यही नजर आएगा कि भाजपा के लोगों की जो जमीन पर मेहनत दिख रही थी वास्तव में वह मेहनत सिर्फ दिखावा था, ना कोई मिशन था और ना ही कोई टारगेट।
मऊ नगर पालिका की सरजमीं पर चुनावी मौसम में मुख्यमंत्री का आना यह कम मायने नहीं रखती, अब जिम्मेदारी बनती है जनपद में लगे भाजपा के एक-एक पदाधिकारी व कार्यकर्ता की, कि वह कमल खिलाने के लिए क्या मेहनत कर रहा है। यह चुनाव सिर्फ संजीव जायसवाल डिंपल का मान लेना एक ख्याली पुलाव हो सकता है, क्योंकि इस चुनाव में अगर भाजपा को जीत मिलती है तो यह सिर्फ डिंपल की जीत नहीं होगी, बल्कि एक-एक कार्यकर्ता की जीत होगी और हार मिलती है तो या डिंपल की हार कम होगी, बल्कि जिला स्तर के हर उस पदाधिकारी, कार्यकर्ता व भाजपा के मऊ में मौजूद हर जनप्रतिनिधि की हार होगी।
ऐसे में भाजपा अपने चेयरमैन पद के प्रत्याशी संजीव जायसवाल डिंपल के लिए जितना सड़कों पर मेहनत करते हुए दिखाई दे रही है उसमें कितनी ईमानदारी और सच्चाई है इस चुनाव में कड़ी टक्कर दे रहे हैं बसपा के तैयब पालकी व सपा के अरशद जमाल को मिले वोटों के मूल्यांकन वह आकलन के बाद ही तय हो पाएगा। केवल फोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया पर अपडेट कर देना भाजपा की जीत का कारण नहीं हो सकता है। उसके लिए भाजपा जन को जमीन पर काम करना होगा और मऊ भाजपा के लोग नगर पालिका के अध्यक्ष पद तथा नव नगर पंचायत के अध्यक्ष सहित सभासदों के कुल प्रत्याशियों में कितने संख्या में विजय श्री दिला पाते हैं यह तो मतगणना के दिन ही पता चलेगा। लेकिन वास्तव में अगर भाजपा मऊ जनपद में बेहत्तर रिपोर्ट नहीं पेश कर पाती है तो जनपद स्तरीय पदाधिकारियों को अपने पदों से इस्तीफा देकर पार्टी को फिर से ओवरहालिंग करने की जरूरत होगी। साथ ही जनप्रतिनिधियों पर भी पार्टी को विचार करना होगा कि एक अकेले मुख्तार अंसारी व अरशद जमाल के राजनैतिक पैंतरेबाज़ी के आगे भाजपा के एक सांसद सहित चार विधायक (जिसमें एक मंत्री) व एक प्रभारी मंत्री फेल क्यों हैं?
बिल्कुल सही लिखा है सर आपनेे…