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यशस्वी कथाकार और जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष दुधनाथ सिंह को साहित्य परिषद गोठा ने दी श्रद्धांजलि

दोहरीघाट। एक ऐसा कथाकार जो अपनी बेबाक टिप्पणी के लिये विख्यात था जिसका समूचे हिन्दी साहित्य पर एक शोध था। जिसने नाटक उपन्यास के साथ कई कथा लिखी जिसे यशस्वी कथाकार कहा गया ऐसे जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष दुधनाथ सिंह के निधन से जहां पूरा साहित्य जगत शोक मे डुब गया है। वहीं साहित्य परिषद गोंठा ने शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि यह एक कथाकार युग का अंत है।
साहित्य परिषद गोंठा के उपाध्यक्ष रमेश राय ने कहा कि एक महान कथाकार का असमय चला जाना बहुत ही दुखद है। दुधनाथ सिंह सातवे दशक के सबसे प्रबुद्ध व प्रतिभाशाली लेखक रहे। लौट आओ धार ,निराला फर आत्महंता आस्था समेत आदि कहानी संग्रह लिखी ऐसे कथाकार विरले ही मिलते है निश्चित ही उनके द्वारा लिखी पुस्तके समाज के लिये प्रेरणाश्रोत है। प्रबन्धक व पूर्व प्रधान बिजेन्द्र राय ने कहा कि कहानीकार दुधनाथ सिंह हर क्षेत्र व हर समस्या पर अपनी कलम चलाई उनकी कलम की धार इतनी तेज थी आपातकाल के दौरान एक पक्षधर पत्रिका का संम्पादन किया जिससे सरकार अपने को कटघरे मे खड़े देख उस पत्रिका को ही बन्द करा दिया साहित्य के इतिहास मे वे शलाका पुरूष थे उनके निधन से साहित्य जगत की अपुर्णरिय क्षति हुई है। परिषद के उपाध्यक्ष अजीत राय ने कहा कि सशक्त हस्ताक्षर के धनी साहित्यकार दुधनाथ सिंह छल कपट से कोसो दूर थे वे सेवा भाव से भरपूर थे, वह एक ऐसा रचनाकार थे जो हर विधा मे लेखन किया आज वो कलम की धार हमारे बिच नही है फिर भी उनका लिखा साहित्य उनको अमर कर गया है।
परिषद के अध्यक्ष व पूर्व प्रधानाचार्य झारखण्डेय राय ने कहा कि वह एक महानायक थे दुधनाथ सिह साहित्य जगत की धुरी थे उपन्यास कहानी कविता आलोचना नाटक समेत दर्जनों किताबे लिखी वे कलम के सशक्त हस्ताक्षर थे जो आज हमारे बिच नही है। वे शिक्षको के लिये भी प्रेरणाश्रोत रहे। शिक्षा के क्षेत्र मे भी उन्होने अलख जगायी वे युवा पीढ़ी को भी सचेत करते रहे है वे निधन से एक साहित्य युग खा अन्त हो गया है। जिनकी कृतिया ही अब शेष हैं।शोक संवेदना प्रकट करने वालो मे विजय नरायण राय, जैकृष्ण राय, सुधाकर राय, सुखई गुप्त, सुजीत राय, पंकज बर्नवाल, शिवेन्द्र गुप्त, बिपिन राय, श्यामसुन्दर मौर्य, सुधाकर राय, विनय गुप्त, राजेश राय, संजय राय व वीरेन्द्र उपाध्याय समेत आदि लोग मौजूद रहे।

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