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मेद्यावियोंं ने भी नई पीढ़ी को दिए संदेश, प्रधानाचार्याें एवं प्रबन्धकों ने भी किया जागरुकता का आहवान

मऊ। एक शाम तालीम के नाम में उमड़े छात्र-छात्राओं ने अपने अन्दर छिपी प्रतिभाओ को बयां किया। एक स्वर से सब ने कहा कि शिक्षा के प्रति समर्पण से ही मिलेगी उन्नति। यहां मंच से मानसी अग्रवाल ने कहा कि अगर हम शिक्षकों को याद कर रहे हैं तो शिक्षा के प्रति समर्पण ही है। गुरु एक तेज है जिसके सम्पर्क में आते ही शिष्य निखार के मार्ग पर चल पड़ता है।
रीतिका सिंह ने कहा कि व्यक्ति को सामाजिक बनाने का श्रेय अनुशासन को जाता है। अरुषि मिश्रा ने महिला सशक्तिकरण पर बल दिया और कहा कि महिला कौन है, महिला वर्तमान की जननी है। इन्हें मानसिक रूप से कमजोर समझा जाना गलत है, क्योंकि आज की महिलाएं देश की समृद्धि के लिये हर कार्य कर रही हैं। सादिया परवीन ने कहा कि तालीम और तरबियज दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं। अभिभावक पर परवरिश की ज्यादा जिम्मेदारी होती है। मासूम अली ने कहा कि मौजूदा समय में समाज में प्रचलित बुराइयों एवं गलत अवधारणाओं को समाप्त करने की जरूरत है। दिल्ली यूनिवर्सिटी से रिसर्च स्कालर शहला परवीन ने कहा कि पुत्र के साथ पुत्रियों की शिक्षा पर भी बराबर तवज्जो दें, ताकि सामाज में सही मान्यताओं को बल मिल सके। साथ ही विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्याें ने भी एक शाम तालीम के नाम कार्यक्रम में अभिभावकों एवं बच्चों को शिक्षा की जागरुकता के गुर को बताया। यहां मंच पर सनबीम स्कूल की प्रधानाचार्या पूनम तिवारी ने कहा कि मऊ का नाम पूरे विश्व में रोशन हो। इसके लिये अभिभावकों को भी जागरुक होने की जरुरत है। ज्ञान अधूरा होगा तो हम सही फैसला कैसे ले पायेंगे। उन्होंने कहा कि एक कौम को दूसरे से अलग करने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि हर तब्के को मिलकर काम करने की जरूरत है। ग्रुप डिस्कशन का पक्ष रखते हुये कहा कि डिस्कशन में जो सोच निकल कर आती है, उससे शिक्षार्थी को असामान्य सूचनायें प्राप्त होती हैं। मौजूदा समय में जब बच्चों को एक दूसरों से बात करना, अपनी सोच व्यक्त करना ही नहीं आयेगा तो उनके अन्दर विवास कैसे पैदा होगा। आज जमाना डिस्कस करने का है मात्र किताब पढ़ कर शिक्षा ग्रहण करने का नहीं। उनकी स्किल डेवेलोप कराना होगा। दारुल ओलूम ब्वायेज के प्रधानाचार्य शादिह जमाल ने कहा कि उच्च शिक्षा की प्राप्ति के लिये बाहर के विद्यालयों में प्रवेश पाने की चुनौती है। ऐसे में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने डिस्टेंस कोर्स लांच कर उस कमी को दूर कर दिया है। डी0ए0वी इ0 कालेज के प्रधानाचार्य देव भास्कर तिवारी ने कार्यक्रम के लिये पूर्व चेयरमैन अरशद जमाल को कोटिशः बधाई दी और कहा कि यहां संसाधनों के अभाव के बीच प्रयास करते हैं कि बच्चों को अच्छी शिक्षा दें ताकि अनुशासन बना रहे। माया सिंह प्रधानाचार्य अमृत पब्लिक स्कूल ने कहा कि लोगों को शिक्षा के प्रति जागरुक करने की जरुरत है। जामिया मिल्लिया के मुहम्मद फराज ने शिक्षा की गुण्वत्ता सुधार के बारे में बताते हुये कहा कि ज्ञान का मकसद शारीरिक एवं आध्यात्मिक दोनों में बेहतरी लाना है। दिल्ली विश्व विद्यालय से आये मुहम्मद शहज़ाद ने इण्टरनेट, सोशल मीडिया और स्टूडेन्ट्स विषय पर बोलते हुये कहा कि इतनी बड़ी दुनिया को इसने मुट्ठी में कर दिया है। सबसे बड़ी क्रान्ति आयी है इसने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है।

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