भाजपा से बेवफाई कर दिलीप वर्मा ने थामा भासपा का दामन, मऊ नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए किया नामांकन
(आनन्द कुमार)
मऊ। भारतीय जनता पार्टी से टिकट के लिए लाइन में लगे भाजपा नेता दिलीप वर्मा को टिकट नहीं मिला तो उन्होंने भाजपा के ही सहयोगी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का दामन थाम कर मऊ नगर पालिका परिषद की सीट से नामांकन कर दिया। उनके नामांकन करते ही जहां भाजपा को एक झटका लगा है, वही लोग दिलीप वर्मा के इस फैसले पर लोग सवालिया निशान उठा रहे हैं कि मोदी-योगी व भाजपा के प्रति आस्था व्यक्त करने वाले आखिर दिलीप वर्मा को क्या हो गया कि वे भाजपा से ही बेवफाई कर बैठे।
शुक्रवार को नामांकन के अंतिम दिन दिलीप वर्मा बकायदे पीला गमछा व पगड़ी लगाकर सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेताओं व अपने शुभचिंतकों के साथ कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे। वहां नामांकन की प्रक्रिया हेतु अपने सभी कागज-पत्र को दुरुस्त कराया। उसके बाद अपने समर्थकों प्रस्तावकों के साथ जाकर नगर पालिका अध्यक्ष परिषद की सीट के लिए नामांकन कर दिया।
सूत्रों की माने तो दिलीप वर्मा भारतीय जनता पार्टी से सिंबल के लिए काफी समय से भाजपा कार्यालय व लखनऊ तक दौड़-धूप लगा रहे थे। वह अपने आपको मऊनाथ भंजन नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सीट के लिए सबसे उपर्युक्त प्रत्याशी बता कर टिकट का दावां कर रहे थे, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा संजीव कुमार डिंपल को सिंबल मिलते ही दिलीप वर्मा का रुख बदल गया तथा वे भाजपाई से भासपाई हो गये तथा जय सुहेलदेव का नारा लगाने लगे। ऐसे में मौकापरस्त राजनीति में दिलीप वर्मा भले ही छलांग लगाकर छड़ी थाम लिये हैं। लेकिन उस छड़ी के सहारे वह नगर पालिका के राजनीतिक गलियारे में कितने दूर चल पाएंगे, उन्हें कितना वोट मिलेगा वे किसका कितना फायदा और नुकसान कर पाएंगे यह तो परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा।