प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का 47,520 महिलाओं को मिला लाभ
■ पहली बार गर्भवती होने पर तीन किस्तों में मिलते हैं 5000 रुपये
■ पौष्टिक आहार व स्वास्थ्य देखभाल के लिए मिलती है सहायता
■ कोई दिक्कत आये तो मिला सकते हैं हेल्प लाइन नम्बर – 7998799804
मऊ। कोरोना काल में कमजोर वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति पर सीधे तौर पर असर पड़ा है। ऐसे में पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए जनवरी 2017 में शुरू की गयी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना उनके लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भवती और गर्भस्थ शिशु को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध कराना है। योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली गर्भवती के खाते में तीन किस्तों में 5000 रुपये दिए जाते हैं, जिससे वह गर्भावस्था में पर्याप्त पोषक आहार ले सकें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीशचंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत पहली बार गर्भवती हुयी महिला को तीन किश्तों में 5000 रुपये सीधे बैंक खाते में दिये जाते हैं। कोरोना काल में लोगों की आय पर असर पड़ा है और अन्य प्रांतों से मजदूरों ने घर वापसी की है। उन्होने बताया कि इस योजना का शत प्रतिशत लाभ पात्र गर्भवती को दिलाने के लिए सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रायः निर्देशित किया जाता रहता है कि कोई भी पात्र लाभार्थी इस योजना से वंचित न रहे। गर्भवती व धात्री महिलाओं के सही खान-पान व पोषण की स्थिति में सुधार लाना इस योजना का उद्देश्य है। इस योजना के जिला नोडल अधिकारी/अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पीके राय ने बताया कि केंद्र सरकार ने जनवरी 2017 में इस योजना का शुभारंभ किया था। विभाग का पूरा प्रयास रहता है कि इस योजना का लाभ शत प्रतिशत पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे। प्रत्येक माह लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत लाभ दिलाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। 28 फरवरी 2021 तक 48,863 लाभार्थियों के सापेक्ष 47,520 पात्र लाभार्थियों को लाभ देने के लिए पंजीकरण किया जा चुका है।
यह कहना है लाभार्थियों का…
कोपागंज ब्लॉक की लाभार्थी शिखा तिवारी ने बताया कि योजना की धनराशि उनके बैंक खाते में आई है । इससे उनको बहुत फायदा हुआ । खानपान के साथ पोषण सामग्री को प्रयोग में लाई।
1- नगर स्थित रम्भा ने बताया कि उनके पति दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। इतना कमाते है कि बड़ी मुश्किल से गुजर हो पाता है। सरकार की ओर से उन्हें सहायता मिलने से गर्भावस्था के दौरान बहुत फायदा हुआ। हरी साग सब्जी के साथ पौष्टिक आहार मिला ।
2- नगर की ही अफसा कौसर ने बताया पति पावर लूम में मजदूर हैं । जितना कमाते है वह परिवार में ही खर्च हो जाते है । इस योजना से मिले पैसे से उनके गर्भावस्था में खाने में पोषण की चीजों की जरूरत पूरी हो गई।
तीन किस्तों में मिलते हैं 5000 रुपये…
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक विवेक कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पोषण के लिए 5,000 रुपये का लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है। पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती को पहली किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त में 2000 रुपये दिए जाते हैं। तीन किस्तों में 5000 रुपये की धनराशि खाते में डीबीटी के माध्यम से दी जाती है। इसके साथ ही पीएमएमवीवाई का 7998799804 हेल्प लाइन नम्बर भी जारी किया जा चुका है । कोई भी लाभार्थी उक्त हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते है। साथ ही लाभार्थियों को किसी तरह की समस्या आये तो मेरे मोबाइल नम्बर 9918004222 पर सम्पर्क कर सकते है।
जानें कैसे मिलेगा योजना का लाभ…
सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्साधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ती, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम/बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है। लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, गर्भवती महिला व उसके पति का आधार कार्ड तथा लाभार्थी के खाता की पासबुक की फोटो कॉपी फार्म भरते समय जमा करना होता है।
फोन पर कोई भी लाभार्थी न बताये खाता संख्या या ओटीपी…
फोन पर यदि कोई ब्यक्ति किसी तरह का खाता का डिटेल या अन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मांगे तो कोई भी लाभार्थी कदापि न दें, क्योकि पीएमएमवीवाई योजना से जुड़े कोई भी अधिकारी कर्मचारी द्वारा फोन पर खाता या ओटीपी सम्बन्धी कोई जानकारी नही मांगी जाती है।