प्रख्यात कथाशिल्पी दूधनाथ सिंह के निधन पर मऊ में श्रद्धांजलि सभा
मऊ। प्रख्यात कथाशिल्पी दूधनाथ सिंह के निधन पर राहुल सांकृत्यायन सृजनपीठ मऊ, प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी मंच व अभिनव कदम की ओर एक श्रद्धांजलि सभा एवं विचार गोष्ठी का आयोजन डा. जयप्रकाश राय धूमकेतु के आवास पर रविवार को किया गया। गोष्ठी में लाडले ने इलाहाबाद में दूधनाथ सिंह के साथ बिताये दिनों को याद करते हुए बताया कि वो अपने विचारों से छात्रों के अन्दर उत्साह और ऊर्जा भर देते थे, वो एक साहित्यकार के साथ-साथ एक्टिविस्ट भी थे। बृजेश कुमार गिरि ने कहा कि दूधनाथ सिंह का मन कहानियों में बहुत लगता था लेकिन वो कविताएं ज्यादा पढ़ते थे। उन्होंने लेखन की अपनी एक नई शैली ईजाद की थी। डा. संजय राय ने उनके साथ बिताए दिनों को याद करते हुए बहुत सारी ऐसी घटनाओं का जिक्र किया, जो कहीं किसी पुस्तक में पढ़ने को नहीं मिलती। संजय राय ने कहा कि वो मेरे संरक्षक जैसे थे। अध्यक्षता कर रहे डा. जयप्रकाश राय धूमकेतु ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि दूधनाथ सिंह तीन बार मऊ आये थे, और तीनों बार राहुल सांकृत्यायन सृजन पीठ में उनको सुनने का अवसर हम लोगों को मिला था। वो गवंई अंदाज में भी अपनी बातों को रखते थे। इस श्रद्धांजलि सभा में बंसत, प्रमोद कुमार मौर्य, शशि प्रकाश सिंह आदि साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।