नगर पंचायत मधुबन में चुनाव के लिए अभी से सरगर्मी तेज
(श्याम मनोहर सिंह)
मधुबन/मऊ। स्थानीय तहसील व कस्बा पहले ग्राम पंचायत सुल्तानपुर बारहगांवा में आता था। सपा की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा मधुबन को नगर पंचायत का दर्जा देने से जहां ग्राम प्रधान का पद औचित्यहीन हो गया, वहीं करीब एक वर्ष से विकास कार्य भी पूरी तरह प्रभावित रहा। नवसृजित मधुबन नगर पंचायत भले ही आस्तित्व में आ गया है, मगर सीट का आरक्षण व चुनाव की तिथि घोषित नहीं होने से सम्भावित प्रत्याशियों में संशय की स्थिति बनी हुई है। एक-एक पार्टी से कई-कई दावेदार पर्व पर बधाई देने के लिए होर्डिंग-बैनर जगह-जगह लगवाकर मतदाताओं को पसोपेश में डाल दिए हैं। अभी से नगर पंचायत चुनाव के रंग में मधुबन सम्भावित प्रत्याशियों के धमा-चौकड़ी से रंगने लगा है। कुछ प्रत्याशी अपने को समाजसेवी बताकर पार्टी की ओर से समर्थित बताकर चेयर मैन बनने का सपना पाल रखे हैं। मतदाता भी इनकी सेवा-भाव से कितना प्रभावित होगी। भविष्य के गर्त में है। फिर भी एक ही पार्टी के बैनर पर कई लोगों की दावेदारी दिख रही है। होने वाले इस चुनाव में अभी से ज्यादतर भाजपा व बसपा के होर्डिंग व बैनर कस्बा व गांवों में दिख रहा है। वोट के लिए सम्पर्क बना रहे दावेदारों की समीक्षा मतदाता भी करने से पीछे नहीं हैं। नगर पंचायत बनने से पहले ग्राम पंचायत में शामिल रहा मधुबन में अब तक कराए गए विकास कार्य पर भी मतदाताओं की नजर गड़ी है कि चेयरमैन की कुर्सी पर किसको बैठाया जाए। नगर पंचायत चुनाव की तिथि अभी तय भी नहीं हुई। फिर भी मधुबन की चुनावी सरगर्मी तेज होने लगी है।