डीसीएसके पीजी कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष बने राघवेंद्र प्रताप सिंह व महामंत्री फरहान हाशिम
मऊ। डीसीएसके पीजी कालेज छात्रसंघ चुनाव मतदान व मतगणना के दौरान रविवार को काफी गहमी के बीच सम्पन्न हुआ। अध्यक्ष पद पर राघवेंद्र प्रताप सिंह 985 मत पाकर अपने प्रतिद्वंदी दीपक कुमार यादव को 24 वोटों के अंतर से हराया। दीपक कुमार यादव को 961 मत मिला। इस पद पर छात्र-छात्राओं ने 12 मत नोटा को दिया। महामंत्री पद पर फरहान हाशिम ने 990 मत पाकर अपने प्रतिद्वंदी प्रज्वल चौहान को 69 मतों से पराजित किया। प्रज्वल चौहान को 921 मत मिला। इसी पर पर मोहम्मद परवेज को मात्र 22 मत ही मिला तथा 11 वोट नोटा को मिला।
उपाध्यक्ष पद पर रजत कुमार निर्विरोध निर्वाचित हुए। पुस्तकालय मंत्री पद पर मोहम्मद शाहिद को 948 मत मिला उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी अमर सिंह को सबसे ज्यादा 477 मतो के अंतर से पराजित किया। अमर सिंह को 471 मत मिला। इसी पद पर अविनाश सिंह को 419 मत मिला। सबसे ज्यादा इसी पद पर 47 मत का प्रयोग नोटा पर किया गया। विज्ञान संकाय पर अबू ओसमा निर्विरोध निर्वाचित हुए। जबकि कला संकाय पर सबसे ज्यादा प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इस पद पर मोहम्मद अल्तमश 508 मत पाकर अपने प्रतिद्वंद्वी आदर्श कुमार यादव को 272 मतो से पराजित किया। आदर्श कुमार यादव को 236 मत, चेतन सिंह को 204 मत, सूरज चौहान को 196 मत, रोशन यादव को 136 मत, दुर्गा प्रसाद यादव 112 मत, मंजर कमाल को 97 मत, सेराज को 72 मत व नोटा पर 26 छात्र छात्राओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
मतगणना के बाद चुनाव अधिकारी डा.जियाउल्ला ने विजयी प्रत्याशियों की घोषणा किया। जिसके बाद महाविद्यालय के प्राचार्य डा. एके मिश्रा ने तुरन्त विजयी प्रत्याशियों को शपथ ग्रहण करा दिया। जिसके बाद पुलिस ने सभी विजयी प्रत्याशियों को अपने वाहन में बिठाकर उनके घर छोड़ दिया।
डीसीएसके पीजी कालेज के रविवार को होने वाले छात्रसंघ चुनाव को लेकर प्रशासन ने अपनी पूरी तैयारियां कर रखी थी। छात्रों के चुनाव में कहीं कोई गड़बड़ी न होने पाये, इसे लेकर कालेज के तरफ आने वाली सभी सड़कों पर बैरिकेटिंग कर दी गयी थी और यातायात को पूरी तरह रोक दिया गया था। एक तरफ जहां आजमगढ़ मोड़ पर छोटी और बड़ी गाड़ियों को कालेज की तरफ नहीं आने दिया जा रहा था। वहीं बालनिकेतन मोड़ तथा पावर हाऊस रोड को भी पूरी तरह रोक दिया गया था। सुबह 7 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक चुनावी प्रक्रिया के पूर्ण होने तक आम जनता को काफी समस्या का सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा समस्या उनको हुई जिन्हें रेलवे स्टेशन या रोडवेज जाना था। जिसके कारण रोडवेज, रेलवे जाने वालों को काफी मुसीबत झेलनी पड़ी और यात्री परेशान हालत में जिला प्रशासन को कोसते नजर आये। चुनाव परिणाम आने के बाद काफी देर तक छात्रों के एक गुट ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ पुनः मतगणना को लेकर प्रदर्शन किया एवं वह सड़क पर चक्का जाम कर विरोध करने लगे।