कम हो रही जीडीपी दर, महंगाई व नोट बन्दी के फायदे नजर नहीं आना, देश के आर्थिक मामलों के लिए खतरा : जयशंकर गुप्त
मऊ। इन्कलाबी कामगार युनियन, उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल व टीम डेमोक्रेसी द्वारा संयुक्त रूप से शहर क्षेत्र के डोमनपुरा स्थित सर इकबाल पब्लिक स्कूल में ‘‘देश की आर्थिक नीतियों में हमारी राजनैतिक भूमिका ’’ विषय पर सेमिनार का आयोजन बुधवार की सायं किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिल्ली प्रेस क्लब आफ इण्डिया के अध्यक्ष व राज्य सभा टीवी के मिडिया सलाहकार जयशंकर प्रसाद गुप्त थे।
अपने सम्बोधन में श्री गुप्त ने कहा कि किसी भी देश का विकास उसकी आर्थिक स्थिति पर ही पूर्ण रूप से निर्भर है। इसलिए देश की आर्थिक स्थिति को सुदृण करने की आवश्यकता है। जिससे देश व समाज का सम्पूर्ण विकास हो सके। उन्होनें सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों के किए जा रहे प्रयासों पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि दावे करने बाली सरकार में जीडीपी दर घट रही है, महंगाई चरम पर है नोट बन्दी के फायदे नजर नहीं आ रहे। यह देश के आर्थिक मामलों के लिए खतरे का संकेत है।
उन्होनें कहा कि केवल अडानी व अम्बानी के विकास से देश नहीं चलेगा, देश चलेगा आम आदमी के विकास जिससे सरकार को कोई सरोकार नहीं रह गया है। श्री गुप्त ने कहा प्रधानमंत्री मोदी को सोचना होगा, उन्हें आम आदमी के दर्द को समझना होगा नहीं देश की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जायेगी।
विशिष्ट अतिथि, वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता अरविन्द मुर्ति ने कहा कि देश में आर्थिक उत्पादन की समस्या प्रमुख नही है। वरन उत्पादन मूल्यों के वितरण की सही राजनैतिक प्रबन्धन का नही होना है। कार्यक्रम के सहसंयोजक व्यापार मण्डल के जिला महामंत्री गोपाल कृष्ण बरनवाल नें कहा कि देश की आर्थिक नीतियॉ छोटे व मझोले व्यापारियों, किसानों, कामगारो, बुनकरों के हितों को केन्द्र में रखकर बननी चाहिए।
इसके पूर्व मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न, अंगवस्त्रम् एवं फूल माला पहनाकर सम्मानित किया गया। एवं ललित कला अकादमी के मुमताज आर्टिस्ट व सपा नेता अब्दुल सलाम शामियाना ने जयशंकर गुप्त को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से मुख्तार पसमांदा, किसान नेता देव प्रकाश राय, रवि बरनवाल, आतिफ रहमान, डा0 विनोद कुमार बरनवाल, आनन्द कुमार, रामअवध राव, डा0 शकील अहमद, नित्यानन्द यादव, मंजर भाई, लवकुश विश्वकर्मा, बाबू रामजी, अतुल एडवोकेट, सुबाष जी, प्रदीप चौहान, इकबाल अहमद, मुन्नू राम, रामभवन आदि रहे।