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मेधावियों को मिला सम्मान, डीएम और पूर्व सांसद ने किया सम्मानित, होनहारों ने कहा, थैंक्स अरशद अंकल

मऊ। ताने बाने की बुनकर नगरी में स्थित छित्तनपुरा सहन में एक बार फिर मंगलवार की रात्रि माइनाॅरिटी स्टूडेंट्स फोरम मऊ द्वारा आयोजित ‘एक शाम तालीम के नाम’ कार्यक्रम में जिलाधिकारी ऋषिरेन्द्र कुमार ने यहां के 25 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। इन्हें स्मृति चिन्ह और मेडल के अलावा आर्थिक सहायता धनराशि भी प्रदान किया गया। अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी ऋषिरेन्द्र कुमार ने कहा कि व्यवसायिक युग में भी छात्र यदि तकनीक का प्रयोग करें तो उन्हें अच्छे मुकाम हासिल करने से कोई रोक नहीं पायेगा। कई देश ऐसे हैं जहां शिक्षा अच्छी है, पर सम्भावनायें कम। ऐसे में यदि मन से पढ़ाई की जाए, तो निश्चित रूप से कामयाबी मिलेगी। श्री ऋरेन्द्र कुमार ने अपने जीवन पर प्रकाश डाला और बताया कि स्वयं मैट्रिक्स में द्वितीय स्थान प्राप्त कर पाया था लेकिन मेहनत की ही देन है कि आज आई0ए0एस बनकर आपके सामने मंच पर खड़ा हूँ। 
पूर्व सांसद राज्य सभा सालिम अंसारी ने कहा कि इस प्रोग्राम से इल्म के मैदान में संघर्ष करने वाले बच्चों का मनोबल बढ़ा है। हमें कहीं हताश नहीं होना चाहिये। हर परिवार या व्यक्ति इल्म से ही उन्नति करता है। हमारी संयुक्त सोच है कि इस जिले के बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढें। मऊ के बच्चे आज दीनी तालीम के साथ उच्च शिक्षा की ओर भी अपना कदम बढ़ा चुके हैं।
माइनाॅरिटी स्टूडेंट्स फोरम के डायरेक्टर अरशद जमाल ने आये हुए अतिथियों एवं छात्रों का स्वागत करते हुये कहा कि कार्यक्रम पिछले वर्ष से प्रारम्भ हुआ। इसका उद्देश्य ही यही है कि छात्र-छात्राओं की शिक्षा में आने वाली कठिनाईयों को कैसे दूर किया जाये। श्री जमाल ने इसकी वजह बताते हुये कहा कि हमारे बच्चे रोजी रोटी की तलाश में विदेश पलायन कर रहे हैं ताकि वह अपने माता-पिता और बहन भाइयों को दो वक्त की रोटी के साथ अच्छी शिक्षा दिला सकें। डा0 संजय सिंह ने कहा कि स्वस्थ्य मन से ही स्वस्थ्य दिमाग का संचालन सम्भव हो सकता है। बीमारी की हालत में व्यक्ति बेहतर की कल्पना नहीं कर सकता। इस लिये छात्र-छात्राओं को अपने स्वास्थ्य पर भी प्रति दिन आधे घण्टे का समय देना चाहिये।शिक्षाविद ओवैस तरफदार ने कहा कि अभिभावक अपनी गाढ़ी कमाई से एक बड़ी रकम अपने बच्चों की शिक्षा पर खर्च करने पर आमादा होते हैं। ताकि उनके बच्चों को एक बेहतरीन मुकाम मिल सके।लिटिल फ्लावर इण्टरनेशनल स्कूल प्रबन्धक मुरलीधर यादव ने कहा कि मार्डन एजूकेश की बातें बोर्ड की परीक्षा में भी दिखनी चाहिये। 
दिल्ली से आये वरिष्ठ शिक्षाविद जमील अहमद ने कहा कि बच्चों में जुनून पैदा करने की आवश्यकता है न कि उनपर दबाव बनाने की। शिक्षा को लेकर अपने बच्चों पर ये बातें कैसे डालेंगे कि इतने सारे कार्याें को करने के लिये कहां से शुरूआत करेंगे। कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को ग्रुप डिस्कशन का हिस्सा बनायें और उन्हें अपनी इच्छा अनुरूप लक्ष्य पाने का जज्बा पैदा करें। बी0एच0यू0 की छात्रा जेबा फिरदौस ने कहा कि महिलाओं को अदब के साथ शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति सौतेला सलूक हो रहा है इसको लेकर हमें सतर्क रहने की जरुरत है क्योंकि हाइटेक युग में शिक्षा की कुंजी से ही हमारा उत्थान सम्भव है। उन्होंने महिलाओं के साथ दोहरे चरित्र आचरण प्रथा बन्द होनी चाहिये क्योंकि मौजूदा समय में महिलायें किसी से कमजोर नहीं है।कार्यक्रम में जिलाधिकारी ऋषिरेन्द्र कुमार ने प्रथम स्थान पाने वाले लिटिल फ्लावर की मारिया हफीजुल्लाह, स्वप्निल बर्नवाल, सनबीम स्कूल से संगमित्रा चन्द्रा, फातिमा कान्वेंट से अभिनव मेहरोत्रा, कीर्तिमान पाण्डेय, तालीमुद्दीन इ0का0 से गौसिया रहमान, आलिया इ0का0 से सना फरहीन, डी0ए0वी0 से सबा फिरदौस को स्मृति चिन्ह, मेडल के अलावा आर्थिक सहायता धनराशि प्रदान किया। वहीं पूर्व राज्यसभा सांसद सालिम अंसारी द्वारा द्वितीय स्थान प्राप्त रक्शी शमीम लिटिल फ्लावर चिल्ड्रेन स्कूल, अदीबा शमीम, वैशनवी राय, आर्यन सिंह, सानिया जैन, अल्फिया तैयब, सबा बिल्कीस सेकन्ड टापर्स  और त्रितीय स्थान प्राप्त नवीन कुमार, अपूर्वा त्रिपाठी, मुस्कान खण्डेलवाल, हनीफा परवीन, श्रद्धा गुप्ता, आदिती दूबे, रफअत ज्या, अदीबा परवीन, अफिया परवीन आदि को भी पुरस्कृत किया गया।अन्त में अरशद जमाल ने कार्यक्रम की सफलता के लिये सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। संचालन जकी अहमद एडवोकेट एवं अल्तमश ने किया। 

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