पी लेंगे अगर वो मुझे मोहब्बत में जहर भी दे, छूकर दे वो जहर भी तो वो जहर नहीं होता
कुछ तो लोग कहेंगे… बृजेश गिरि अब उनकी बद्दुआओं का असर नहीं होता, हर दर्द दिल का यूँ चश्म-ए-तर नहीं
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Read More( शब्द मसीहा केदारनाथ ) मृदुल और मयंक दोनों के बचपन के दोस्त थे। दोनों की पढ़ाई भी एक ही
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