पिता की एक डांट ने हेमंत चौधरी को बना दिया पीसीएस
संतोष कुमार जायसवाल…
मोहम्मदाबाद गोहना (मऊ) कहते हैं यदि हौसला बुलंद हो और कुछ करने का जज्बा हो तो कुछ भी किया जा सकता है उसी का उदाहरण हैं एसडीएम मोहम्मदाबाद गोहना, मऊ हेमंत कुमार चौधरी।
मूलरूप से महराजगंज जनपद के तरैनी ग्राम सभा में ओम प्रकाश चौधरी के घर सात नवंबर 1978 में जन्मे हेमंत कुमार चौधरी की जो पिता की एक डांट पर प्राइवेट नौकरी छोड़ सरकारी नौकरी का जज्बा लेकर सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दिया।
प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए उप जिलाधिकारी हेमंत कुमार चौधरी ने बताया कि बचपन में उन्होंने प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई किया,जबकि देखा जा रहा है कि आज लोग प्राथमिक विद्यालय की पढ़ाई छोड़कर सीबीएसई बोर्ड की तरफ झुकाव कर रहे हैं, लेकिन यदि हौसला बुलंद हो और कुछ करने का जज्बा हो तो किस विद्यालय में पढ़ाई हो रही है यह मायने नहीं रखता है,मायने यह रखता है कि आप क्या कर सकते हैं,आपको भविष्य में क्या बनना है।
वह बताते हैं कि ग्राम तरैनी में ही वह प्राइमरी पाठशाला में अपनी पढ़ाई किए। हालांकि पिताजी सर्विस में थे तो वह हाई स्कूल करने एमपी इंटर कॉलेज गोरखपुर आ गए, वहां से वह 1993 में हाई स्कूल तथा 1995 में इंटरमीडिएट पास किए।
इसके बाद वह इंजीनियर के लिए कानपुर गए जहां इंजीनियरिंग के बाद उनकी नौकरी लग गई।
वह मात्र तीन महीने नौकरी किये ही थे कि उनके पिताजी ने उन्हें डांट लगाई और कहा कि तुम्हे सरकारी नौकरी चाहिए ना कि प्राइवेट नौकरी? फिर वह प्राइवेट नौकरी छोड़ घर आ गए और आर्थिक सहयोग के लिए ट्रैक्टर चलाने लगे और इस ट्रैक्टर को चलाकर पैसे की व्यवस्था कर वह 2000 में सिविल परीक्षा की तैयारी शुरू कर दिए।
2003 में ऑडिटर कोऑपरेटिव सोसाइटी पंचायत पद पर सिद्धार्थनगर में उन्हें सरकारी नौकरी मिल गई, फिर वहां से उनका नौकरी करने का सिलसिला जारी रहा। पिता का सपना पूरा करने के लिए इतना मेहनत किया कि 2005 में सहायक सेवायोजन अधिकारी कुशीनगर बन गए।
काम करने में इतना मन लगाया कि 2006 में नायब तहसीलदार पद के लिए इनका चयन हो गया और कानपुर में चले गए सन 2016 में तहसीलदार बनाकर ललितपुर गए। वहां भी काम करने का सिलसिला जारी रहा इसी बीच जी पिता की डांट से सरकारी नौकरी का सपना लेकर वह अपना सफर शुरू किया उनके पिता की 2015 में मौत हो गई। पिताजी के मौत के बाद थोड़ा विचलित हुए लेकिन पिताजी के सपना को पूरा करने के लिए अपनी हिम्मत नहीं हारी और 2021 में उप जिलाधिकारी बनकर हमीरपुर गए और कुछदिन के बाद ही मऊ जनपद आ गए। वर्तमान में मुहम्मदाबाद गोहना के उपजिलाधिकारी पद पर कार्यरत है। हालांकि इस सफर में उनकी पत्नी का भी बहुत बड़ा सहयोग रहा है। नौकरी मिलने से पहले उनकी शादी हो गई, लेकिन पत्नी ने कभी हौसला कम नहीं होने दिया।