वर्षों बाद सदन में गूंजी घोसी की बात, MP ने कही बुनकरों का दर्द
@आनन्द कुमार…
मऊ। अब घोसी की बात सदन में गूंजेगी, घोसी की जनता ने अपने लिए जिस रहनुमा को चुना है वह संसद में घोसी की बात करनी शुरू कर दिया है। यह आवाज़ पिछले पाँच साल से ज़्यादा समय से थम था। क्योंकि पिछले बसपा सांसद अतुल कुमार सिंह अतुल राय जेल में होने की वजह से संसद में जनता की बात नहीं कर सके। 2024 के चुनाव में जनता ने सपा नेता राजीव राय को अपना सांसद चुना तो वर्षों बाद सदन में गूंजी घोसी की बात, सांसद ने कही बुनकरों की बात।
घोसी के सांसद राजीव राय से जनता को बहुत सी उम्मीदें हैं। राजीव राय भी उन उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
अतुल राय के जेल में होने के बाद वर्ष 2019 से मई 2024 के बाद घोसी की आम अवाम के दर्द को पूरे पांच साल बाद सदन में किसी नेता ने रखने का काम किया है तो सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व घोसी के सपा सांसद राजीव राय ने। जनता भी टकटकी लगाई है कि राजीव राय बतौर सांसद उनके लिए बेहतर जनप्रतिनिधी साबित होंगे। राजीव राय ने सोमवार को संसद के बजट सत्र में घोसी के बदहाल बुनकर, बेहाल किसान व बेरोजगार नौजवानों की समस्याओं की बात करने की हिमाकत सदन में की। बात भी सबसे पहले की तो पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जिस शहर को भारत का मैनचेस्टर कहा था उस घोसी की। सपा सांसद राजीव राय ने बजट सत्र के दौरान सदन में कहा कि उत्तर प्रदेश का पूर्वी हिस्सा बुनाई उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। सैकड़ों वर्षों से चली आ रही बारिक व जटिल बुनाई की विरासत है। यहां के अधिकांश लोग इसी पेशे से जुड़े हैं। बुनकरों का हालात दयनीय है उनके लिए जीवन यापन करना मुश्किल है। सरकारी नीतियों ने चाहे जिस वजह साजिश करके बुनकरों को किनारे ला दिया है। मेहनत व पूंजी के अनुसार दो जून का खाना मुश्किल है। जीएसटी के लागू होने से बुनकर समुदाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। बुनकर जीएसटी का भुगतान तो करते हैं लेकिन उन्हें इसके बदले पर्याप्त बुनियादी ढांचा व सरकारी समर्थन नहीं मिलता है।
बिजली आपूर्ति अपर्याप्त व अनियमित है। बिजली पर फ्लैट दर खत्म कर दिया गया है। जिससे बुनकरों को दस गुना बिजली बिल देना पड़ता है। बुनकर के देहांत पर कोई लाभ नहीं दिया जाता उसे सरकार को ध्यान देना चाहिए। बुनकर शिफ्ट में घर में रहता है एक परिवार घर में तो दूसरा पावरलूम पर रहता है। बारिश में मकान की स्थिति अच्छी नहीं है।
सरकार बुनकरों को सोशल सिक्योरिटी में इंश्योरेंस का लाभ दे। बिजली के स्लैब दर जो खत्म किया गया है उसे सरकार देने का काम करें। मकान में प्राथमिकता दे। जीएसटी कम करें।
सपा सांसद राजीव राय ने घोसी के नब्ज़ को टटोलकर संसद में उसकी बात को रखा तो है। अब देखना होगा कि वर्तमान की केंद्र सरकार घोसी की जनता के दर्द को कितना समझती है और क्या कुछ ऐसा करती है कि मऊ की तानाबाना की नगरी और दम तोड़ रहे साड़ी उद्योग को कुछ नया मिलता है!
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