मऊ में किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह का जोरदार स्वागत

मऊ। भारतीय जनता पार्टी जनपद मऊ के प्रभारी तथा नवनियुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह का प्रथम आगमन जनपद में हुआ। उत्साहित कार्यकर्ताओं ने नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष का पूरे जोश खरोश से पुरानी तहसील स्थित एक प्लाजा में फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। अपने स्वागत से अभिभूत प्रदेश अध्यक्ष (किसान मोर्चा) ने कार्यकर्ताओ को धन्यवाद दिया तथा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं अपने दाईत्व का पूर्णतः निर्वहन करते हुए पार्टी को और अधिक मजबूत करने का पूरा प्रयास करूंगा।
जिला प्रभारी ने स्वागत समारोह के बाद पार्टी द्वारा आयोजित डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर मठिया बाबा के पवित्र प्रांगण में वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया। तथा कहा कि, भाजपा सरकार द्वारा लगातार जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं उसको हम सब जन जन तक पहुंचेंगे और जनता का पुनः विश्वास हासिल करेंगे। हमारी पार्टी का लक्ष्य अंत्योदय है सरकार पूरी ताकत से अंत्योदय हेतु काम कर रही है। इस देश और प्रदेश का गैर जिम्मेदार विपक्ष जो अफवाह फैला कर घृणित राजनीति कर रहा है हम सब मिलकर उसका पर्दाफाश करेंगे। जिला प्रभारी कामेश्वर सिंह ने पार्टी के संस्थापक सदस्य डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि, बंगाल की भूमि वीर रत्नों की भूमि रही है, जिन्होंने देश ही नहीं, समाज के लिए भी अपना जीवन समर्पित कर दिया । ऐसे ही एक मातृभूमि बंगाल के व्यक्तित्व डॉ० श्यामाप्रसाद मुखर्जी हुए हैं, जिन्होंने देशभक्ति के साथ-साथ भारतीय राजनीति में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की ।

जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार गुप्ता ने डा0 मुखर्जी को याद करते हुए कहा कि, डा0 साहब राष्ट्रवादी विचारधारा वाले दूरदर्शी महापुरुष थे। कांग्रेस पार्टी के हद पार तुष्टिकरण नीति को लेकर चिन्तित रहा करते थे ।
उन्होंने पश्चिम बंगाल को भारत से पृथक् न होने देने हेतु सरदार पटेल की तरह ही अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी । स्वतन्त्रता के बाद वे तत्काली सरकार के मन्त्रिमण्डल में वाणिज्य मन्त्री के पद पर रहे।
स्त्री शिक्षा, सैनिक शिक्षा, योग और आध्यात्म की शिक्षा, टीचर्स ट्रेनिंग हेतु उन्होंने पर्याप्त प्रयास किये । नेहरू के विरोध के बाद भी बिना परमिट के कश्मीर जाने का निश्चय उनकी दबंग, निर्भीक प्रवृत्ति का सशक्त उदाहरण है ।
उन्होंने अपनी सभी सभाओं में यह निडरता के साथ कहा कि- ”नेहरू एक तिहाई कश्मीर पाकिस्तान को पहले ही भेंट कर चुके हैं मैं एक इंच भारत की भूमि किसी दूसरे के हाथ नहीं जाने दूंगा ।सन् 1953 में पब्लिक सेप्टी एक्ट के तहत उन्हें बन्दी बनाकर जेल में डाल दिया गया था ।
मुखर्जी जी ने स्वतन्त्रता और एकता के स्थायित्व के लिए तथा जन्मभूमि की रक्षा के लिए, राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना के मूल उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनसंघ का गठन किया।
प्रथम आम चुनाव में श्री मुखर्जी विपक्षी दल से दक्षिण कलकत्ता क्षेत्र से भारी बहुमत से विजयी होकर लोकसभा में पहुंचे । एक सशक्त विपक्षी की भूमिका में उन्होंने कांग्रेस की दुर्बल एवं तुष्टीकरण की नीति का हमेशा विरोध किया ।
डॉ० श्यामाप्रसाद मुखर्जी एक सच्चे राष्ट्रभक्त और राष्ट्रनेता थे । भारतीय संस्कृति में उनकी अटूट आस्था थी । वे सच्चे भारतीय थे । भारतीयता की रक्षा ही उनके जीवन का सिद्धान्त था, जिसके लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित किया ।भारतीय राजनीति एवं जनसंघ में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हुए 23 जून 1953 को उन्होंने अपनी इहलीला समाप्त की ।
स्वागत कार्यक्रम को कार्यक्रम को विधायक विजय राजभर, सुनील कुमार गुप्ता,मनोज राय ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार गुप्ता ने तथा संचालन जिलाऊपाध्यक्ष आनन्द प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर हौसला प्रसाद उपाध्याय,दुर्गविजय राय, डा0 एच एन सिंह,दीनबंधु राय,संजय पाण्डेय,बजरंगी सिंह,संगीता द्विवेदी,नूपुर अग्रवाल,अरुण सिंह,रमेश राय,राधेश्याम सिंह,रामाश्रय मौर्य,उर्मिला पासी, संतोष सिंह,मनीष मद्धेशिया,सुनील यादव,अखिलेश राजभर,राधेश्याम मौर्य,इंद्रदेव प्रसाद,भरत भैया,कृष्ण कांत राय सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।