भारतीय बीज विज्ञान संस्थान मऊ में 18 अक्टूबर को लगेगा किसान मेला
० अगर आप किसान हैं तो यह खबर आपके लिए है…
कुशमौर/मऊ। भा.कृ.अनु.प. भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, कुशमौर, मऊ में 18 अक्टूबर 2024 दिन शुक्रवार को किसान मेला 2024 का आयोजन होने जा रहा है। इस वर्ष के मेले का विषय “गुणवत्ता बीज: विकसित भारत का आधार” है, जो उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के महत्व को उजागर करता है, जो कृषि उत्पादन और देश की प्रगति के लिए आवश्यक हैं। उक्त बातें भा.कृ.अनु.प. भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, कुशमौर मऊ के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने बुधवार को प्रेसवार्ता के दौरान कही।डॉ. कुमार ने बताया कि भारतीय बीज विज्ञान संस्थान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली की एक इकाई है। संस्थान, बीज प्रौद्योगिकी संबंधी अनेक आधारभूत, व्यवहारिक, सामरिक एवं अपेक्षित शोध कार्यों के साथ अति महत्वपूर्ण अखिल भारतीय समन्वित शोध परियोजना (बीज) का सफल संचालन एवं समन्वयन कार्य संपादित कर रहा है। 2023-24 के दौरान, बीज (फसलों) पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के तहत 64 गुणवत्ता बीज उत्पादन और 24 बीज प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र अस्तित्व में हैं। देश में वर्ष 2023-24 में अनुमानित अनाज का उत्पादन 32885.20 लाख कुन्तल का मुख्य आधार 106398 कुन्तल प्रजनक बीजों का उत्पादन रहा। कहा कि सभी प्रमुख फसलों में प्रजनक बीज उत्पादन से जुड़ी विसंगतियों में उल्लेखनीय कमी देखी गई। 2024 के दौरान, विभिन्न प्रकार का प्रजाति विमेल 12.1% रहा, जबकि 2014-15 के दौरान यह 34.8% था। संस्थान द्वारा वर्ष 2023-24 में प्रजनक बीज कुल 2,250 क्विंटल गुणवत्तायुक्त बीज का उत्पादन किया गया। इसमें 2,150 क्विंटल गेहूं के बीज (किस्में DBW 187, DBW 303, HD 3249, HD 2967, DBW 222 और DBW 252), 80.35 क्विंटल चना, 8.00 क्विंटल मटर और 2.80 क्विंटल सरसों शामिल हैं।
डॉ. कुमार ने बताया की संस्थान द्वारा मऊ, गाजीपुर और बलिया जिलों के लगभग 8,000 किसानों को ये बीज वितरित किए। संस्थान द्वारा पिछले वर्ष लगभग 2500 कुंतल गेहूं का बीज आस पास के जिलों में वितरित किया गया जो कि मऊ, गाजीपुर, बलिया, आजमगढ़ जिलों में लगभग 2500 हेक्टेयर में बीज लगाया गया। इस वर्ष लगभग 3000 कुंतल गेहूं का बीज वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है। कहा कि किसान मेले का मुख्य लक्ष्य यह भी की किसान अपने फसल का पैदावार कैसे और बेहतर कर सके, होने वाले समस्याओं का समाधान क्या है उसको भी बताना है। कहा कि मेले कृषि वैज्ञानिकों से किसान अपनी समस्या को बता कर उसका समाधान ढूँढ सकते हैं ।
निदेशक डॉ. संजय कुमार ने बताया की किसान मेला के मुख्य अतिथि उर्जा एवं नगर विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ए.के. शर्मा होंगे। प्रेस वार्ता के दौरान डॉ अंजनी कुमार सिंह, प्रधान वैज्ञानिक तथा डॉ कुलदीप जायसवाल मौजूद रहे।
किसी मेले के प्रमुख आकर्षण…
• लगभग 8000 किसानों की आने की सम्भावना ।
• पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार क्षेत्रों के लिये गेहूँ की नवीनतम किस्मों की उपलब्धता / बिक्री ।
▪ गेहूं की किस्में DWB 187, DBW 303, HD 3249, और HD 2967 के 40 किलो के आधार बीज की बोरी की कीमत ₹1680 है, जबकि 40 किलो के प्रमाणित बीज और सत्यनिष्ठा लेबल वाली बोरी की कीमत ₹1600 है।
▪ चने की किस्म PUSA 3043 के 10 किलो के प्रमाणित बीज और सत्यनिष्ठा लेबल वाले बीज की बोरी की कीमत ₹1120 है।
▪ सरसों की किस्म गिरिराज के 1 किलो के आधार बीज की बोरी की कीमत ₹112 है।
▪ मटर की किस्म IPFD 12-2 के 1 किलो के आधार बीज की बोरी की कीमत ₹105 है।
• विभिन्न फसलों के बीज परीक्षण तकनीकों का जीवंत प्रदर्शन ।
• सार्वजनिक उपक्रमों एवं निजी संगठनों द्वारा विकसित उन्नतशील किस्मों के बीजों एवं पौधों की बिक्री।
• उन्नत सिंचाई, कृषि यंत्रों एवं फार्म उपकरणों की प्रदर्शनी एवं विभिन्न सरकारी / गैर सरकारी संगठनों द्वारा बिक्री ।
• ड्रोन द्वारा छिड़काव का प्रदर्शन ।
• कृषि उत्पादों, उर्वरकों / जैव उर्वरकों और कृषि रसायनों का प्रदर्शन एवं बिक्री ।
• किसानों द्वारा कृषि तथा मूल्य संवर्धित उत्पादों की बिक्री एवं प्रदर्शन ।
• किसानों, वैज्ञानिकों तथा कृषि व्यवसायियों के बीच सीधी चर्चा ।
• कृषि साहित्यों की प्रदर्शनी एवं बिक्री ।
• विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा किसानों को प्रदान किये जाने वाले कृषि ऋण / योजनाओं की जानकारी।
• केंचुआ एवं मत्स्य पालन तकनीक का जीवंत प्रदर्शन ।
• नवोन्मेशी किसान सम्मेलन ।
• इस मेले में पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रगतिशील कृषक गुणवत्ता बीज उत्पादन की खेती की जानकारी मेले में प्राप्त करेंगे ।
भारतीय बीज विज्ञान संस्थान की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ…
• हर साल लगभग 20000 करोड़ रूपये बीज श्रृंखला मूल्य के सभी फसलों के प्रजनक बीजों की पर्याप्त मात्रा में उत्पादन करके राष्ट्रीय बीज सुरक्षा ।
• बीज श्रृंखला में बायो-फोर्टिफाइड किस्मों की हिस्सेदारी बढ़ाकर कुपोषण को संबोधित करना ।
• बीज अंकुरण के लिए त्वरित परीक्षण किट और कई फसलों के लिए बीज जनित रोगों के लिए निदान किट विकसित की गई ।
• विभिन्न फसलों के भंडारित अनाज कीटों के प्रबंधन के लिए भौतिक, रासायनिक, वानस्पतिक और यांत्रिक तरीकों का विकास किया गया ।
भारतीय बीज विज्ञानं संस्थान द्वारा भारत सरकार की विभिन्न कृषक हितकारी योजनाओ का कार्यान्वयन
1. बीज ग्राम योजना, 2. अनुसूचित जाति उपयोजना, 4. उत्तर पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र (एनईएच) मुख्य योजना,
5. कृषक सहभागिता बीजोत्पादन, 6. पल्स सीड हब, 7. मेरा गाँव मेरा गौरव, 8. एग्री ड्रोन परियोजना
कैसे पंहुचे किसान मेले में…
० मऊ से सलाहाबाद जाने वाली सड़क से आप कुशमौर भारतीय बीज विज्ञान संस्थान आटो, जीप या बाइक से जा सकते हैं ।
० अगर आप बढुआ गोदाम या गाजीपुर तरफ़ से आ रहे हैं तो आप कहिनौर वनदेवी मार्ग से पखईपुर होते हुए भारतीय बीज विज्ञान संस्थान कुशमौर पंहुच सकते हैं ।
० अगर आप मुहम्मदाबाद गोहना चिरैयाकोट आज़मगढ़ मार्ग की ओर से आ रहे हैं तो चिरैयाकोट से सलाहाबाद वाली सड़क से आ सकते हैं कुशमौर जिला कारागार के पहले ही पड़ेगा।