उस्ताद! हां जमूरा, उस्ताद इस बार मऊ का भाजपा जिलाध्यक्ष कौन बन रहा है!
@ आनन्द कुमार…
उस्ताद! हां जमूरा बोल, उस्ताद एक बात पूछनी थी, पूछ जमूरा, उस्ताद इस बार मऊ का भाजपा जिलाध्यक्ष कौन बन रहा है! अरे जमूरा तुमको भाजपा जिलाध्यक्ष से क्या लेना देना है! लेना देना है उस्ताद आप नहीं जानते हैं लोग मुझसे राजनीति के बारे में बात करते हैं मुझे आता-जाता तो कुछ नहीं लेकिन इधर की बात उधर करके, कुछ आपसे पूछ के मैं राजनीति की रोटी सेंक लेता हूं।
बेटा जमूरा तुम राजनीति से बचके रहो! यह राजनीति बहुत कुत्ती चीज है, मिलेगा कुछ नहीं और बर्बाद अलग कर देगी!
अरे नहीं उस्ताद राजनीति हमें क्या बर्बाद करेगी, मुझे कोई जिलाध्यक्ष थोड़े बनना है। ना ही विधायक और सांसद का टिकट चाहिए! उस्ताद मुझे योगी और मोदी, अखिलेश यादव, राहुल गांधी, केजरीवाल के साथ सेल्फी का भी शौक नहीं है! मैं तो बस इधर का बात उधर करके मऊ की राजनीति में आटा पोत कर भंडारी बना हुआ हूं।
उस्ताद बता दो ना, मऊ भाजपा का जिलाध्यक्ष कौन बन रहा है! छोड़ बे जमूरा क्या चक्कर में पड़े हो!
उस्ताद बता दो न, जमूरा मत चक्कर में पड़ो।
उस्ताद बात समझो न, अपनी राजनीति की इसी चौधराहट से मेरी खद्दर वालों के बीच काफ़ी काफ़ी साख है! सब हमें चाय नास्ता कराते हैं ।
हैलो उस्ताद! हाँ जमूरा, उस्ताद बता दो ना। हैलो, हैलो, आवाज़ आ रही उस्ताद!
हैलो हैलो, इ सालाआआ नेटवर्क भी इसी समय कटना था! हैलो हैलो, ओह अब हम कैसे सोशल मीडिया पर लिखें और जनता को बताएँगे की मऊ का ज़िलाध्यक्ष कौन बनेगा ! मोबाइल नेटवर्क भी न!