मऊ के डॉ. दिनेश कुमार का आयोग द्वारा सहायक प्रोफेसर के पद पर चयन
मऊ। यदि मन में कुछ कर गुजरने का ठान ले तो कोई भी परिस्थिति व्यक्ति के मार्ग की बाधा नहीं बन सकती हैं। इसे चरितार्थ किया हैं, ग्राम निजामपुर पोस्ट सुल्तानीपुर जिला मऊ के डॉक्टर दिनेश कुमार ने। जिनका चयन उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा आयोग, प्रयागराज द्वारा सहायक प्रोफेसर के पद पर हुआ हैं। आयोग द्वारा जारी किए गए परिणाम में डॉक्टर दिनेश कुमार ने १३वीं स्थान प्राप्त किया। डॉक्टर दिनेश कुमार के पिता श्री मुन्ना राम गांव में रहकर ईट पाथने का कार्य करते हैं। डॉक्टर कुमार का कहना हैं कि उनके माता-पिता शिक्षा दीक्षा प्राप्ति में यथा संभव योगदान दिया। डॉक्टर कुमार की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय एवम् जूनियर हाईस्कूल से पूरी हुई। हाईस्कूल (सन् २००६) की शिक्षा राष्ट्रीय इंटर कॉलेज चिरैयाकोट मऊ और इंटरमीडिएट (सन् २००८) की जनता इंटर कॉलेज रानीपुर मऊ से हासिल की। डॉक्टर कुमार हाईस्कूल में कॉलेज में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होते हुए भी डॉक्टर कुमार ने अपनी आगे की शिक्षा विश्व प्रसिद्ध काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से विज्ञान से करने की ठानी। विषम परिस्थितियों को झेलते हुए डॉक्टर कुमार ने सन् २०११ में भौतिकी विषय में बी०एस०सी० ऑनर्स और सन् २०१३ में भौतिकी में एम०एस०सी० की उपाधि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से ग्रहण की। डॉक्टर कुमार ने तीन बार राष्ट्रीय स्तर की “राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) एवम् गेट की परीक्षा पास की। डॉक्टर कुमार ने राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा “जैम” भी पास की और एम० एस० सी० – पी० एच० डी० ड्यूल डिग्री के लिए आईआईटी कानपुर से दाखिला का सुअवसर प्राप्त हुआ। लेकिन बीएचयू के प्रति असीम प्रेम की वजह से इन्होंने बीएचयू से एम० एस० सी० करने का निर्णय लिया। डॉक्टर कुमार उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए, गेट परीक्षा के माध्यम से स्कूल ऑफ मैटेरियल्स साइंस एंड टेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी वाराणसी में दाखिला शोध कार्य के लिए लिया। सन् २०१९ में डॉक्टर कुमार को डॉक्टर अखिलेश कुमार सिंह के पर्यवेक्षण में डॉक्ट्रेट (पी०एच०डी०) की उपाधि प्राप्त की। डॉक्टर कुमार अभी रिसर्च एसोसिएट के पद परस्कूल ऑफ मैटेरियल्स साइंस एंड टेक्नोलॉजी में कार्यरत हैं। डॉक्टर कुमार अपनी शोध के दौरान कई रिसर्च आर्टिकल्स एवम् बुक चैप्टर्स प्रकाशित किए हैं। डॉक्टर कुमार के परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि इनके भोजन का भी अच्छे से प्रबंध ने हो पाया था। अपना खर्च चलाने के लिए डॉक्टर कुमार अपनी उम्र, अपने से बड़े और अपने से छोड़े लोगों को मौका मिलने पर ट्यूशन दिया करते थे। डॉक्टर दिनेश अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता एवम् पूरे परिवार, गुरुजनों एवम् मित्रगणों को देना चाहते हैं जिन्होंने परोक्ष एवम् अपरोक्ष रूप से सहयोग किया। इस अवसर पर डॉक्टर अखिलेश कुमार सिंह आईआईटी बीएचयू, डॉक्टर मनोज कुमार भारती बीएचयू, प्रोफेसर एस० बी० राय बीएचयू, डॉक्टर आर एस यादव बीएचयू, डॉक्टर पप्पू कुमार लखनऊ, डॉक्टर उमा शंकर जेएनयू आदि ने हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की।