मऊ के विपल्व बने क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी, नौकरी, गृहस्थी न बन सका रोड़ा
( आनन्द कुमार )
नौकरी भी हो, गृहस्थी भी हो, तमाम तरीके की पारिवारिक जिम्मेदारियां भी हो, इन सब से इतर मन में कुछ इरादे भी हो, अपना खुद का देखा सपना भी हो तो जिदंगी कितनी मुश्किल होगी यह आसानी से सोचा जा सकता है। लेकिन मन मजबूत हो इरादे नेक हो तो हर मुश्किल को आसान बनाया जा सकता है और इसे कर दिखाया है मऊ के मझवारा बाजार निवासी विपल्व कुमार गुप्ता ने। बिल्कुल नाम के अनुरूप मन के अंदर अंदर दिमाग की जुनून की बदौलत क्रांति कर दिखाया मऊ के लाल ने।
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के विभाग आयुध निर्माणी देहरादून में तकनीशियन के पद पर 8 साल से कार्यरत मऊ के विप्लव कुमार गुप्ता ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर अपना चयन करा कर यह साबित कर दिया है कि कोई भी काम संभव नहीं है। मझवारा गांव के पोस्टमास्टर रहे स्वर्गीय फूलचंद गुप्ता व श्रीमती निर्मला गुप्ता के पुत्र विप्लव कुमार गुप्ता शुरू से ही अपने लक्ष्य और पढ़ाई के प्रति लगनशील रहे हैं। यह पीछे मुड़कर देखना नहीं जानते हैं। हाईस्कूल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बोझी, मऊ, इंटरमीडिएट बाबा थानीदास इंटर कॉलेज सोनाडीह अमिला, मऊ तथा स्नातक श्री देव सुमन विश्वविद्यालय उत्तराखंड से करने के बाद विप्लव गुप्ता का चयन देहरादून में आयुध निर्माणी रक्षा मंत्रालय के संस्थान में तकनीशियन के पद पर हो गया।
उनका विवाह दिसम्बर 2020 में अमिला बाजार निवासी गोवर्धन प्रसाद गुप्ता की हेमलता गुप्ता जो सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी उत्तर प्रदेश के साथ हुआ। जीवन की इस रफ्तार में परिवार के साथ साथ अपनी नौकरी संभालने के बाद विप्लव कुमार गुप्ता ने लोअर पीसीएस में यह मुकाम पाकर न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया है बल्कि मऊ और पूर्वांचल का नाम रोशन करते हुए कहा कि नौकरी और गृहस्थ जीवन के बाद भी मंजिल बंद नहीं होती है। विप्लव के बड़े भाई पंकज गुप्ता देवरिया के लार रोड में केनरा बैंक में ऑफिस असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने इस सफलता का श्रेय माता पिता गुरुजनों के अलावा दोस्तों को दिया।
प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले युवाओं को विप्लव कहते हैं कि सभी को पढ़ाई के साथ साथ निरंतरता बनाए रखना चाहिए और अर्जित ज्ञान को अपने सहपाठी के साथ साझा जरूर करना चाहिए। जिससे कि पढ़ाई में आने वाली छोटी मोटी कमियों को दूर किया जा सके यह कार्य किसी भी परीक्षा को दूर करने में काफी सहायक होती है। सबसे बड़ी बात है कि विप्लव ने यह मुकाम स्वयं की पढ़ाई पर हासिल किया है। वे कहते हैं कि हर मिडिल परिवार का एक ही समस्या है पैसा ? काम के साथ साथ ही खुद सेल्फ स्टडी करना पड़ा आगे बढ़ने के लिए। विप्लव छोटी सी क्रांति मचाने के बाद अभी रुके नहीं हैं, अभी ठहरे नहीं हैं, उनके मन में कुछ और बड़ी क्रांति करने की जुनून आज भी समाए हुए हैं। अब देखना होगा कि विप्लव “मिसाल ए मऊ” के अगले कारवां में क्या तोहफा देते हैं।