जयन्ती विशेष… आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानन्द जी
@डॉ मीना कुमारी परिहार…
उठो, जागो,
तब तक न रुको,
जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो ….
कहां था उस विद्वान ने,
जिसका नाम था विवेकानंद!!
स्वामी विवेकानंद उन महान व्यक्तियों में से एक हैं, जिन्होंने विश्व भर में भारत कि नाम रोशन करने कि कार्य किया।अपने शिकागो भाषण के द्वारा उन्होंने पूरे विश्व भर में हिंदुत्व के विषय में लोगों को जानकारी प्रदान की।
ऐसे अध्यात्मिक पुरुष स्वामी विवेकानंद कि जन्म कलकत्ता में शिमला पल्लै में 12जनवरी 1863को हुआ था। उनके पिता कि नाम विश्वनाथ दत्त था जो की कलकत्ता उच्च न्यायालय में वकालत का कार्य करते थे और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था। स्वामी विवेकानंद श्रु रामकृष्ण के मुख्य अनुयायियों में से एक थे।इनका जन्म से नाम नरेंद्र दत्त था, जो बाद में रामकृष्ण मिशन के संस्थापक बने।वे आध्यात्मिक विचारों वाले अद्भुत बच्चे थे। वे बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक व्यक्तित्व के थे और संस्कृत के ज्ञान के लिए लोकप्रिय थे।वे बचपन से ही धार्मिक प्रकृति वाले थे और परमेश्वर कुछ प्राप्ति के लिए काफी परेशान थे। एक दिन वह श्री रामकृष्ण जी से मिले तब उनके अन्दर श्री रामकृष्ण के आध्यात्मिक प्रभाव के कारण बदलाव आया। श्री रामकृष्ण को अपना आध्यात्मिक गुरु मानने के बाद वे स्वामी विवेकानन्द कहे जाने लगे।
इनकी जयंती भारत में प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद ने अपने भाषणों के द्वारा पूरे विश्व भर में भारत तथा हिन्दू धर्म का नाम रोशन किया।वे एक ऐसे व्यक्ति थे, जिनके जीवन से हम सदैब कुछ न कुछ सीख सकते हैं। यही कारण है कि आज भी युवाओं में इतने लोकप्रिय बने हुए हैं।
अपने जीवन में तमाम विपत्तियों के बाबजूद भी स्वामी विवेकानंद कभी सत्य के मार्ग से हटे नहीं और इन्होंने जीवन भर लोगों को ज्ञान देने कार्य किया।