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डीएम ने ग्राम खीरीकोठा में देसी प्रजाति के बैगन उत्पादन केंद्र का किया निरीक्षण

जी.आई.टैगिंग हेतु समस्त आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

मऊ। जिलाधिकारी अरुण कुमार ने विकासखंड फतेहपुर मंडाव के ग्राम खीरी कोठा में देसी प्रजाति के बैगन उत्पादन केंद्र का निरीक्षण किया।इस बैगन को स्थानीय भाषा में लवकिहवा भंटा भी कहा जाता है। इस देसी प्रजाति के बैगन की लंबाई 10 से 15 इंच एवं मोटाई 7 से 9 इंच के बीच होती है।एक बैगन 500 ग्राम से 700 ग्राम तक का होता है। निरीक्षण के दौरान उपनिदेशक कृषि ने बताया कि इस बैगन के उत्पादन में प्रति एकड़ 25 से 30 हजार का खर्च आता है एवं इसकी खेती से प्रति एकड़ एक लाख तक की शुद्ध आमदनी किसानों द्वारा प्राप्त की जाती है।अपनी विशिष्ट पहचान के चलते मधुबन तहसील के कई इलाकों में इस देसी बैगन का उत्पादन सैकड़ों वर्षों से किया जाता है। इस देसी प्रजाति के बैगन की विशिष्टता को देखते हुए जिला अधिकारी श्री अरुण कुमार ने इसके उत्पादन करने वाले किसानों को एफ.पी.ओ. से जोड़कर एफ.पी.ओ. के माध्यम से जी.आई. टैगिंग हेतु समस्त आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश उपनिदेशक कृषि को दिए। उन्होंने एफ.पी.ओ. को निर्यात का लाइसेंस दिला कर क्षेत्र में उत्पादित इस देसी प्रजाति के बैगन को देश के अन्य हिस्सों में भेजने तथा क्षेत्र एवं किसानों की विशेष पहचान दिलाने के प्रयास करने को भी कहा। इस दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित किसान शिवदत्त पांडे से भी इस देसी प्रजाति के बैगन के उत्पादन एवं वितरण से जुड़ी जानकारियों को साझा किया। जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक श्री अविनाश पांडे के अलावा उपनिदेशक कृषि एसपी श्रीवास्तव एवं जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार भी उपस्थित थे।

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