अपना जिला

बागी बलिया को उद्वेलित करता प्रशासन! पत्रकारों ने निकाला जुलूस, दिया धरना

(आनन्द कुमार)

बलिया। बागी बलिया अपनी बागी पना पर उतारू होने को है। और इस बार यह बागी पना जो शुरू होगा तो फिर इसकी आग केवल बलिया में ही नहीं बल्कि अगल-बगल जिलों सहित पूरे प्रदेश और देश में भी लगने को आतुर है। उस आग की तपिश का गुनाहगार कोई और नहीं स्वयं बलिया का जिला प्रशासन होगा। जो शासन की आंख में धूल झोंक कर अपनी कुर्सी और अपनी नौकरी बचाने के लिए एक तरफा पत्रकारों को फंसाकर अपनी पीठ थपथपा रहा है। हो सकता है कि यह बातें अभी तक सूबे की मुखिया तक नहीं पहुंची हो, हो सकता है अधिकारी झूठ का पतिला चढ़ाने में कामयाब हो गये हों। लेकिन वह दिन दूर नहीं जब बलिया के जिला प्रशासन की गलत फैसले और अपनी नौकरी बचाने की पहल और पत्रकारों को बलि का बकरा बनाने का नौटंकी सूबे के मुखिया योगी की आंख खोलें और बलिया प्रशासन को घुटने के बल पर आना पड़े। सोमवार को यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट अंग्रेजी पेपर लीक मामले में बलिया के तीन पत्रकारों के फर्जी तरीके से गिरफ्तारी मामले को लेकर जनपद समेत अन्य जनपदों से आए बड़ी संख्या में पत्रकारों के द्वारा संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के बैनर तले विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। पत्रकारों के द्वारा यह विशाल धरना प्रदर्शन बलिया के क्रांतिकारी भूमि टाउन हॉल बापू भवन के मैदान से निकलकर बलिया के जिला कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचा जहां पत्रकारों पर फर्जी तरीके से पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह, मनोज गुप्ता की रिहाई की मांग को लेकर बैठक की गई और सरकार के सामने तत्काल पत्रकारों की रिहाई की मांग की गई।

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