पहले शासन विद्यालयों को लैपटॉप, एंड्राइड फ़ोन, नेट उपलब्ध कराए तत्पश्चात हम सभी कार्य करने को तैयार हैं : डा. रामविलास भारती
मऊ। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल (पू.मा.) शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय आह्वान पर जनपद इकाई मऊ द्वारा जिलाध्यक्ष डॉ. रामविलास भारती की अध्यक्षता में सोमवार को भारी संख्या में शिक्षक उपस्थित होकर महानिदेशक, स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश, लखनऊ को सम्बोधित ज्ञापन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मऊ डॉ. सन्तोष कुमार सिंह को डी0बी0टी0 के माध्यम से भेजी जाने वाली धनराशि के सम्बन्ध में बेसिक शिक्षकों से डाटा फीडिंग नहीं कराये जाने के सम्बन्ध में दिया गया। इस अवसर पर डॉ. रामविलास भारती ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों जिनको यूनिफार्म स्वेटर, स्कूल बैग एवं जूता मोजा दिया जाना है। खातों में धनराशि प्रेषण हेतु सम्पूर्ण डेटा एवं अभिभावकों का बैंक खाता एवं आधार फीड कराया जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि अभिभावकों का खाता आधार से लिंक है अथवा नहीं, यदि नहीं तो कराया जाए जबकि ऐसा करने में शिक्षकों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विभागीय किसी भी कार्य हेतु विभाग द्वारा कोई भी संसाधन जैसे एंड्राएड फोन या लैपटॉप, मोबाइल सिम, नेट की सुविधा अभी तक नहीं उपलब्ध कराई गई है। कोई भी सुविधा उपलब्ध न कराते हुए भी जबरदस्ती दण्डात्मक कार्यवाही का भय दिखाकर नियमों के विरूद्ध जाकर बेसिक शिक्षकों के बच्चों व परिवार के अधिकार वाले वेतन से गैर कानूनी ढंग से खर्च कराने के लिए बाध्य किया जा रहा है जो कि एक अन्याय है, जो किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है। पहले शासन विद्यालयों को लैपटॉप, एंड्राइड फ़ोन, नेट आदि उपलब्ध कराए तत्पश्चात हम सभी कार्य करने को तैयार हैं। शिक्षक परेशान होगा तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रभावित हुए वगैर नही रह सकती है। यदि हमारी मांगे नही मानी जाती है तो बड़ा आंदोलन होगा।
जिला महामंत्री अनवारूल हक ने कहा कि उक्त कार्य लिपिकीय दायित्व का है परन्तु शिक्षकों से कराया जा रहा है, जो उचित नहीं है।डेटा फीडिंग जैसे कार्य के लिए शिक्षकों को लगाया जाना अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2011 के नियम 7 का उल्लंघन है। जिला कोषाध्यक्ष सच्चिदानन्द यादव ने कहा कि बच्चों की जन्मतिथि एवं नाम विद्यालय के रिकार्ड में तथा उनके आधार कार्ड में भिन्न-भिन्न है। ऐसी दशा में प्रमाणीकरण कर पाना सम्भव ही नहीं है। अभिभावकों के नाम उनके आधार में कुछ और दर्ज है तथा नामांकित बच्चों के आधार कार्ड में भिन्न है। ऐसी दशा में आधार प्रमाणीकरण कैसे सम्भव है। जिला संयुक्त मन्त्री प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि अभिभावकों का आधार लिंक होना आवश्यक है। इस तथ्य की पुष्टि कैसे सम्भव होगी? प्रत्येक केन्द्र पर कई-कई कम्प्यूटर, लैपटॉप तथा तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जिन्हें कम्प्यूटर में दक्ष किया गया है। साथ ही दो कम्प्यूटर आपरेटर संविदा पर पूर्व से ही कार्य कर रहे हैं, उनसे यह कार्य कराया जाए।
इस अवसर पर रिजवान अहमद, अजीत कुमार ,अनुज कुमार, प्रसेनजित गौतम, तपेश्वर राम, मनोज कुमार, कमला प्रसाद, जीवधन यादव, विजय बहादुर, रामरतन, जयप्रकाश, बाबूराम आदि उपस्थित रहे।