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भोला बने अखिल भारतीय पंचायत परिषद के जिलाध्यक्ष

मऊ। जनपद के मधुबन तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा कटघरा शंकर के मूल निवासी भोला कनौजिया को अखिल भारतीय पंचायत परिषद के द्वारा जिलाध्यक्ष मनोनीत होने पर ग्रामीणों व जनपद के सभी लोगों ने आपार हर्ष जताया।
इस मौके पर भोला कनौजिया ने कहा कि अखिल भारतीय पंचायत परिषद के पंचायत परिषद के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा मुझे जिलाध्यक्ष बनाकर जो जिम्मेदारी सौंपी गई है । उसके लिए मैं शीर्ष नेतृत्व का आभार प्रकट करता हूं । मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले समय में मऊ जिले की पंचायतों और पंचायत प्रतिनिधियों की आवाज को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने और समाधान दिलाने के लिए सदैव तत्पर रहूंगा । पंचायती आंदोलन को जिले के हर गांव तक पहुंचाकर मऊ जिले की पंचायतों को भारत में सर्वश्रेष्ठ बनाने का कार्य किया जायेगा। इस मौके पर मुख्य रूप से नाथू मल्ल, प्रदीप मल्ल, बबलू मल्ल, अजीत जायसवाल,सोनू मल्ल आदि लोगो ने स्वागत किया।

क्या है अखिल भारतीय पंचायत परिषद…
“वास्तविक लोकतंत्र में, राजनीति का मतलब जमीनी स्तर पर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है और पंचायती राज प्रणाली का मतलब है कि कैसे जमीनी स्तर पर लोग अपनी स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए विभिन्न स्तरों पर नेताओं और प्रशासकों तक आसानी से पहुंच सकते हैं।”
अखिल भारतीय पंचायत परिषद (एआईपीपी) सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पंचायती राज संस्थाओं का स्वायत्त शीर्ष संघ है, जो ग्रामीण भारत के मुद्दों को संबोधित करता है और पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने का लक्ष्य रखता है, जो कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और बेरोजगारी से संबंधित स्थानीय सामाजिक-आर्थिक समस्याओं को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए ग्राम स्तर पर स्वशासन का एक विकेन्द्रीकृत रूप है। एआईपीपी पंचायतों को संवैधानिक अधिकार (स्वशासन प्रणाली) और महात्मा गांधी के सपने के अनुसार पंचायती राज के अलग मंत्रालय के निर्माण के लिए 1958 से संसद के अंदर और बाहर श्री बलवंत राय मेहता, लोकनायक श्री जय प्रकाश नारायण, श्री लाल बहादुर शास्त्री (पूर्व प्रधान मंत्री), श्री एसके डे (पूर्व सामुदायिक विकास मंत्री भारत सरकार) जैसे प्रमुख व्यक्तियों के नेतृत्व में लगातार प्रयास कर रहा है और आखिरकार 1992 में 73वें संशोधन अधिनियम के लागू होने और 2003 में अलग पंचायती राज मंत्रालय के निर्माण के रूप में हासिल हुआ। इसका शुभारंभ श्री बलवंत राय मेहता, भारत रत्न लोक नायक जय प्रकाश नारायण और श्री गुलजारी लाल नंदा सहित अन्य की उपस्थिति में हुआ। श्री बलवंत राय मेहता को प्रथम अध्यक्ष चुना गया। संगठन का केंद्रीय कार्यालय 1961 में दिल्ली ले जाया गया, जहाँ इसका मुख्यालय खसरा संख्या 368, पंचायत धाम, मयूर विहार फेज-1, दिल्ली-110091 में स्थापित किया गया, जो 7.5 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। आपको बता दें कि घोसी नव निर्माण मंच के संस्थापक बद्री नाथ विगत 5 सालों से मीडिया और कैंपेन सलाहकार के रूप में अखिल भारतीय पंचायत परिषद के अभियानों का राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व कर रहे हैं।

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