रेंजर साइकिल का मुफीद और लाजवाब मिस्त्री, राजू मिस्त्री
@फतेह बहादुर गुप्ता…
रतनपुरा मऊ। साइकिल बाजार में जब रेंजर साइकिल की बिक्री शुरू तो उसके तमाम रेंज के साइकिलों की देखभाल के लिए मिस्त्रिरियो का एक तरह से अकाल पड़ गया। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में साइकिल की मरम्मत करने वाले बाबा आदम के जमाने वाले से चली आ रही साइकिलों के मिस्त्री गांव बाजार में मौजूद थे, परंतु रेंजर साइकिल की मरम्मत करने के लिए साइकिल स्वामियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। बाजार में रेंजर साइकिल की मांग तो बढ़ गई उसकी विभिन्न किस्में युवाओं को बहुत भा रही थी। यही वजह थी कि गांव देहात रेंजर साइकिल की तरफ आकर्षित हुआ। खास तौर से युवा वर्ग तो इसका मुरीद हो गया। लेकिन कुछ दिनों के बाद जब इसमें तकनीकी खामी आई तो युवाओं को दिक्कत महसूस हुई। इस वस्तुस्थिति को राजू मिस्त्री ने बखूबी समझा। राजू मिस्त्री पुत्र श्री पतिराम बलिया जनपद के शाह मोहम्मद पुर ग्राम पंचायत का निवासी है और वह बाबा आदम के जमाने से चली आ रही साइकिलों का मिस्त्री है, परंतु रेंजर की विभिन्न रेंज को देख कर के उसने इस पर अपने तरीके से रिसर्च करना शुरू किया, तो उसे सफलता मिल गई।
राजू मिस्त्री पुराना मिस्त्री है ,और वर्ष 2002 से वह रसड़ा स्थित प्यारेलाल चौराहा पर साइकिल मरम्मत का कार्य करता था। इस बीच रतनपुरा में जब एक नई साइकिल स्टोर का उद्घाटन हुआ तो दुकानदार ने राजू मिस्त्री को अपने यहां बुला लिया, और तब से वह 2014 से रतनपुरा में अपनी सेवाएं दे रहा है। रेंजर साइकिलों का वह शानदार और लाजवाब मिस्त्री है। उसके यहां एक से एक रेंजर साइकिलों की कठिन से कठिन तकनीकी खामियों को दूर करने का औजार मौजूद है। ज्यादातर दिक्कतें ब्रेक, चेन और उसके हब को लेकर के होता है। लेकिन चुटकी बजाते ही राजू मिस्त्री ऐसी तकनीकी खामियों को दूर करने का तौर तरीका जानता है ।राजू मिस्त्री के कुल 3 लड़के हैं। जिसमें सूरज छठवीं कक्षा में, शुभम चौथी कक्षा में, और शिवम तीसरी कक्षा में पढ़ रहा है। राजू मिस्त्री प्रतिदिन अपने गांव शाह मोहम्मदपुर से पकवाइनार होते हुए रतनपुरा आते हैं, और सायंकाल तक साइकिलों की मरम्मत करने के बाद वह वापस अपने गांव चले जाते हैं। राजू मिस्त्री रतनपुरा स्थित नेहरू इंटरमीडिएट कॉलेज के पिछवाड़े गुमटी में अपनी दुकान चलाता है।